सूचना का अधिकार संक्षिप्त परिचय

नालको में सूचना सिद्धान्त

प्रत्येक सार्वजनिक प्राधिकारी की कार्यकारिता में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक प्राधिकारियों के नियन्त्रणाधीन सूचना तक सुरक्षित पहुँच हेतु भारत के नागरिकों के लिए सूचना के अधिकार की व्यावहारिक शासन-व्यवस्था की स्थापना के लिए 15 जून 2005 को सूचना का अधिकार अधिनियम,2005 बनाया गया।

खान मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक जिम्मेदार निगम नागरिक और एक सार्वजनिक प्राधिकारी के रूप में नालको, अधिकतम स्तर की पारदर्शिता प्राप्ति, जबाबदेही और अपने समस्त प्रचालनों तथा अपने सभी अंशधारकों अर्थात् शेयरधारकों, कर्मचारियों, ग्राहकों, सरकारी बैंकरों, व्यापक रूप से समाज आदि के साथ अपने कार्य-व्यवहार के सभी पहलुओं में तथ्यों की समानता उपलब्ध करते हुए अच्छे निगम अभिशासन में विश्वास रखता है और सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के अन्तर्गत भारत के नागरिकों को अपने नियन्त्रणाधीन सूचना तक पहुँच प्रदान करने में विश्वास रखता है।