Press Release

गणतन्त्र दिवस सन्देश – 2016

calender26/01/2016

प्रिय नालकोवालो एवं परिवार के सदस्यो, ओड़िशा के लोगो, नालको के पणधारकों एवं शुभचिन्तको तथा देश एवं विदेश में रहनेवाले सभी भारतीयो! 

हमारे देश के 67वें गणतन्त्र दिवस के अवसर पर आप सभी को मेरी हार्दिक बधाई! 

भुवनेश्वर, 26/01/2016: इस ऐतिहासिक अवसर पर, हमारे संविधान के निर्माताओं को, उनकी दूरदृष्टि और शासन की जनतान्त्रिक प्रणाली में दृढ़ विश्वास के लिए, श्रद्धाञ्जलि अर्पित करने के लिए हम गर्व की भावना के साथ तिरंगे झण्डे के नीचे एकत्र हुए हैं। यह एक ऐसा दिवस है, जब हम, एक ऐसा देश हमें प्रदान करने के लिए, हमारे स्वाधीनता संग्रामियों के द्वारा किए गए बलिदानों को याद करते हैं, जहाँ हम गरिमा और सम्मान के साथ रह सकते हैं।

26 जनवरी 1950 वह दिन था, जब भारत अपने सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतन्त्रता, समानता और भातृभाव सुनिश्चित करते हुए एक सार्वभौम, समाजवादी, पंथ-निरपेक्ष, प्रजातान्त्रिक गणतन्त्र बना था। जब हम एक राष्ट्र के रूप में स्वतन्त्र भारत की लम्बी यात्रा का सिंहावलोकन करते हैं, हम गर्व से भर जाते हैं कि आज भारत विधि के नियम के साथ वृत्तम प्रजातन्त्र है।

नालको, ओड़िशा के लोगों के लिए एक गर्व और स्वाभिमान का प्रतीक :

नालको महत्वपूर्ण धातु के निर्माण में देश की आत्म-निर्भरता और प्रौद्योगिकी की शक्ति की प्रतीक है। नालको, ओड़िशा के लोगों के लिए स्वाभिमान का प्रतीक है। हम नालको परिवार का एक अंश होने पर गौरवान्वित और विशेष सुविधाप्राप्त हैं, जो आम आदमी – खास रुख वाले सामान्य लोगों का एक सुसंहत और वचनबद्ध दल है, जो इस नवरत्न केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम को राज्य और राष्ट्र का एक गौरव बनाने के लिए निरन्तर प्रयासरत है।

भूमण्डलीय एवं देशीय एल्यूमिनियम बाजार :

हम एक कठिन समय से गुजर रहे हैं।. विश्व एल्यूमिनियम बाजार मन्दा है गिरते चक्र में है। भूमण्डलीय एल्यूमिनियम उत्पादन खपत से 2.6% अधिक बढ़ गया है, जिससे 2015 में लगभग 1.4 मिलियन टन का अधिशेष बन गया। चीन में खपत में धीमेपन के परिणामस्वरूप उस देश से अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में अधिशेष उत्पादन कम मूल्य पर विक्रय से धातु के मूल्यो में तीव्र गिरावट हुई है। वर्तमान, एल्यूमिनियम मूल्य लगभग 1500 यू.एस. डॉलर प्रति टन के संकीर्ण दायरे से गुजर रहे हैं जो प्राथमिक उत्पादकों की उत्पादन लागत से काफी नीचे है। विश्व में 70% कम्पनियों को नकद हानि होने की रिपोर्ट है। अनेक प्रद्रावक बन्द हो चुके हैं और कई उत्पादन में कटौती का सहारा ले रहे हैं। भारत में, मुख्यतः विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के में मांग में वृद्धि के कारण, हालांकि खपत 6% बढ़ी है, लेकिन आयात में वृद्धि एक गम्भीर चिन्ता का विषय बन गई है क्योंकि 2014-15 में आयात का परिमाण 1.6 मिलियन टन से अधिक हो गया और निरन्तर बढ़ रहा है। इस धातु की कुल देशीय खपत का 56% एल्यूमिनियम आयात हो रहा है, देशीय उत्पादकों के लिए बाजार का केवल 44% बच पाया है।

नालको, मन्दी के बाजार में रजत-रेखा पर है :

कहा गया है कि, “भाग्य वीरों के पक्ष में होता है।” बाजार के अत्यन्त निम्नगामी होने के बावजूद, नालको अपने उत्पादन और लाभकारिता को बनाए रखने में सफल हुई है। तीसरी तिमाही के अन्त तक, पिछले वर्ष की तदनुरूपी अवधि पर 6.27% की वृद्धि के साथ बॉक्साइट का सकल उत्पादन बढ़कर 45.74 लाख टन तक पहुँच गया। 2015-16 के अन्त तक, 10% की वृद्धि के साथ उत्पादन 63 लाख टन तक के स्तर तक होने की सम्भावना है। इसीप्रकार, इस वित्त वर्ष के अन्त तक एल्यूमिना हाईड्रेट के उत्पादन में 2.6% की वृद्धि, एल्यूमिनियम में 14% और शुद्ध विद्युत सृजन में 14% की वृद्धि होने की आशा है। लाभकारिता में, नालको ने पहली तिमाही के दूसरी तिमाही में कर पश्चात लाभ में 39% की वृद्धि दर्ज की है। किन्तु बाजार में निरन्तर गिरावट के कारण, इस वित्त वर्ष में लाभकारिता पिछले वर्ष की तुलना में अवनत रही है। किन्तु समग्र नालको ने पिछली जनवरी-मार्च तिमाही को उत्पादन महीनों के रूप में घोषित करके उत्पादन बढ़ाकर लाभकारिता के साथ तैरते रहकर अन्य उद्योग साथियों के साथ एक अन्तर बनाए रखने का दृढ़ संकल्प किया है। जबकि उत्पादकता और लाभकारिता पर ध्यान केन्द्रित है, हमें लागत बचाने के उपायों को नजरों के ओझल नहीं करना चाहिए।

बाजार में कठिनाई का दौर जारी रहने के चलते, केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में से विदेशी मुद्रा अर्जन में अग्रणी, नालको, नए व्यवसाय प्रतिमान के साथ एक नई निगम योजना विकसित कर रहै है जो बाजार के धावों का सामना करेगी और कम्पनी को लाभकारिता के साथ प्रवाहित रखेगी। यह नया व्यवसाय प्रतिमान (एनबीएम) आधुनिकीकरण और धूसरक्षेत्र विस्तार एवं उर्ध्वप्रवाह एवं अनुप्रवाह के एकीकरण के माध्यम से उत्पादन के परिमाण में वृद्धि के साथ लागत में कमी लाएगा। इसके साथ, यह प्रतिमान हरित विद्युत, नाभिकीय विद्युत, आई.पी.पी., टिटानियम जैसी विरल धातु, लाल पंक अपशिष्ट से लौह की वसूली, तिजारति खनन आदि में विविधीकरण पर विचार करता है, जो धातु बाजार में गिरावट के प्रति प्रतिरक्षा हैं। हम गुजरात में दाहेज में एक कॉस्टिक सोड़ा संयंत्र के लिए गुजरात अल्कालिज एण्ड केमिकल्स लिमिटेड के साथ एक संयुक्त उद्यम कम्पनी गठित कर चुके हैं। नालको विदेश में एक हरित-क्षेत्र एल्यूमिनियम प्रद्रावक की स्थापना के अवसर भी तलाश कर रही है, जहाँ प्रतियोगितात्मक मूल्य पर ऊर्जा उपलब्ध हो सके। कम्पनी ने इस सम्बन्ध में ईरान, ओमान, क़तर और इण्डोनेशिया के साथ चर्चा शुरू की है।

भारत में एल्यूमिनियम बाजार के लिए उज्ज्वल दिन आने वाले हैं :

बाजार में कठिनाई का दौर जारी रहने के चलते, केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में से विदेशी मुद्रा अर्जन में अग्रणी, नालको, नए व्यवसाय प्रतिमान के साथ एक नई निगम योजना विकसित कर रहै है जो बाजार के धावों का सामना करेगी और कम्पनी को लाभकारिता के साथ प्रवाहित रखेगी। यह नया व्यवसाय प्रतिमान (एनबीएम) आधुनिकीकरण और धूसरक्षेत्र विस्तार एवं उर्ध्वप्रवाह एवं अनुप्रवाह के एकीकरण के माध्यम से उत्पादन के परिमाण में वृद्धि के साथ लागत में कमी लाएगा। इसके साथ, यह प्रतिमान हरित विद्युत, नाभिकीय विद्युत, आई.पी.पी., टिटानियम जैसी विरल धातु, लाल पंक अपशिष्ट से लौह की वसूली, तिजारति खनन आदि में विविधीकरण पर विचार करता है, जो धातु बाजार में गिरावट के प्रति प्रतिरक्षा हैं। हम गुजरात में दाहेज में एक कॉस्टिक सोड़ा संयंत्र के लिए गुजरात अल्कालिज एण्ड केमिकल्स लिमिटेड के साथ एक संयुक्त उद्यम कम्पनी गठित कर चुके हैं। नालको विदेश में एक हरित-क्षेत्र एल्यूमिनियम प्रद्रावक की स्थापना के अवसर भी तलाश कर रही है, जहाँ प्रतियोगितात्मक मूल्य पर ऊर्जा उपलब्ध हो सके। कम्पनी ने इस सम्बन्ध में ईरान, ओमान, क़तर और इण्डोनेशिया के साथ चर्चा शुरू की है।

एल्यूमिनियम उद्योग के लिए उज्ज्वल दिन आनेवाले हैं क्योंकि देश में इस वित्त वर्ष में सकल देशीय उत्पाद में 7.3 से 7.5% की वृद्धि होने की पृष्ठभूमि में खपत धीरे धीरे बढ़ रही है और तीन गुणा से अधिक की खपत की सम्भावनाएँ उपलब्ध हैं (भारत में प्रति व्यक्ति औसत खपत है 2.2 कि.ग्रा. है जबकि भूमण्डलीय औसत खपत है 8 कि.ग्रा. है)। विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों, निर्माण, परिवहन एवं स्वचालित वाहन में विकास से अधिक खपत बढ़ने की सम्भावनाएँ हैं।

नालको ₹6,000 करोड़ के दामनजोड़ी परिशोधक की स्थापना करेगी :

नालको ओड़िशा की जनता का सपना है और हम उस स्वप्न को साकार करने के लिए वचनबद्ध हैं। राज्य की प्रगति में एक साझेदार के रूप में, नालको की अगले पाँच वर्षों में ₹30,000 करोड़ तक के निवेश की योजना है, जिसमें से दामनजोड़ी में ₹6,000 करोड़ की परिशोधक परियोजना तत्काल सन्दान पर है। ₹15,000 करोड़ की प्रद्रावक एवं विद्युत संयंत्र की धूसरक्षेत्र परियोजना और लगभग ₹1,500 करोड़ का उत्कल डी एवं ई ब्लॉक विकास के साथ टिटानियम स्लैग परियोजना और अनुगुळ एल्यूमिनियम पार्क पाइपलाइन में हैं। कम्पनी एक नक्शे की रूपरेखा के विकास के लिए विश्व-श्रेणी के उर्ध्वप्रवाह और अनुप्रवाह उद्योगों का अध्ययन करने के लिए अमीरात और दुबाल एल्यूमिनियम पार्कों में एक दल भेजने की योजना बना रही है।

ओड़िशा की कला, वास्तुकला और संस्कृति को प्रोत्साहित करने में नालको एक साझेदार होगी:

नालको केवल राज्य की औद्योगिक प्रगति में एक साझेदार नहीं है, बल्कि, ओड़िशा की कला, वास्तुकला और संस्कृति का प्रवर्तक भी है। ओड़िशी नृत्य और साहित्य को प्रोत्साहित करने के लिए, इस कम्पनी ने व्याख्याताओं और विद्यार्थियों के लिए पुरस्कारों और छात्रवृत्ति की स्थापना करने जैसे अनेक कदम उठाए हैं। आगामी दिनों में, नालको ओड़िशा की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए सांस्कृतिक क्षेत्रों में और कई पहलकदमी उठाएगी। पर्यावरण प्रबन्धन के क्षेत्रों में, सभी सांविधिक प्रावधानों के अनुपालन के अलावा, कम्पनी ने इस तारीख तक 68 लाख से अधिक वृक्षारोपण किए हैं और भुवनेश्वर से कटक के राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे वृक्षारोपण का कार्य हाथ में लिया है। ‘नालको हरित पुरस्कार’ और ‘नालको नीलाम्बु चिलिका पुरस्कार’ पारिस्थितिकी प्रणाली के संरक्षण के उठाए गए कुछ उत्प्रेरक उपाय हैं।

नालको समानुभूतिक नि.सा.उ. निभाएगी, पालना और सहभाजन आदर्शवाक्य होगा :

नि.सा.उ. के क्षेत्रों में, कम्पनी समानुभूतिक कल्याण और नि.सा.उ. उपायों के माध्यम से पालन और सहभाजन करनेवाली मानवीय सूरत लाने पर कम्पनी अपना ध्यान केन्द्रित करेगी। कम्पनी के द्वारा गरीबी की सीमारेखा से नीचे की कन्या विद्यार्थी की शिक्षा के लिए समर्थन देने के लिए इस वर्ष एक अनुपम योजना ‘नालको की लाड़ली’ चलाई गई है। हम अपने आसपास रहनेवाले समुदायों को मौलिक सुविधाएँ प्रदान करने के लिए भी महत्व दे रहे हैं। अनुगुळ में 13 परिधीय गाँवों में पाइप से जल आपूर्ति प्रदान करने, ₹15 करोड़ की लागत से अनुगुल में एक आधुनिक नेत्र चिकित्सा अस्पताल की स्थापना करने, परिधीय गाँवों के लिए निःशुल्क वाह्य रोगी विभाग सुविधा प्रदान करने जैसे कम्पनी के द्वारा उठाए गए कदम इसके कुछेक उदाहरण हैं। नालको ने नि.सा.उ. में अपने शुद्ध लाभ का 2% के अलावा, कोरापुट के आदिवासी क्षेत्र, अनुगुळ और राज्य के अन्य भागों में ₹300 करोड़ अतिरिक्त खर्च करने के लिए वचनबद्धता की है।

पुरस्कार और सम्मान :

मुझे यहाँ यह उल्लेख करते हुए हर्ष हो रहा है कि नालको को अपने प्रचालन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यनिष्पादन के लिए 2015 के दौरान कुछ प्रतिष्ठापूर्ण पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। जिनमें से कुछ उल्लेखनीय हैं: वर्ष 2013-14 के दौरान नालको को अपने उत्कृष्ट निर्यात कार्य-निष्पादन के लिए ई.ई.पी.सी. (इंजीनियरिंग निर्यात पदोन्नति परिषद) का सितारा निष्पादक पुरस्कार मिला। हमारी बॉक्साइट खान को ओड़िशा राज्य प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड (ओ.एस.पी.सी.बी.) द्वारा संस्थापित प्रदूषण नियन्त्रण उत्कृष्टता पुरस्कार-2015 मिला है। हमारे एल्यूमिना परिशोधक को ओड़िशा राज्य सुरक्षा कॉलक्लेव–2015 में ‘स्वर्ण’ संवर्ग में कलिंग सुरक्षा पुरस्कार–2014 प्राप्त हुआ। हमें इण्डियन इन्स्टीच्यूट ऑफ इण्डस्ट्रियल इंजीनियरिंग (आई.आई.आई.ई.) द्वारा संस्थापित कार्य-निष्पादन उत्कृष्टता पुरस्कार भी मिला है। फिर, हमारे एल्यूमिना परिशोधक को प्रतिष्ठापूर्ण व्यवसाय उत्कृष्टता सितारा मान्यता पुरस्कार मिला। गुणवत्ता संस्थान, सी.आई.आई. ने नालको को “प्रचालन प्रबन्धन में उत्कृष्टता के लिए प्रक्रिया उद्योग में नेता” के रूप में विनिर्णीत किया है। हमारे ग्रहीत विद्युत संयंत्र को “संधारणीय समाज के विकास के लिए सूक्ष्म शैवाल” पर आयोजित एक सेमिनार के दौरान “अग्रसक्रिय जलवायु परिवर्तन” के लिए पुरस्कृत किया गया। वर्ष 2012-13 के लिए कैपेक्सिल के उच्चतम निर्यात पुरस्कार के लिए भी नालको को चुना गया है, जो इस माह मिलेगा।

नालको देशभक्ति को प्रोत्साहित करती है :

और, जबकि हम नालको को सफलता की नई ऊँचाइयों पर उठाने का प्रयास कर रहे हैं, इस महान राष्ट्र के नागरिक के रूप में भी हम अपने कर्त्तव्य के निर्वाह पर ध्यान केन्द्रित किए हैं। राज्य और देश में देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित और प्रचारित करने के लिए, नालको ने, 100 से अधिक संस्थाओं के सहयोग से एक सर्व-सम्मिलित मिनि मैराथन दौड़ का आयोजन किया, जिसे जनसमूह का भारी समर्थन मिला और यह भारत की सबसे बड़ी मैराथन बनी। यह कार्यक्रम नालको को याद दिलाता है कि लोग इस कम्पनी के साथ है। नालको राज्य और राष्ट्र के लिए पुनः समर्पित होने की शपथ लेती है। एक नालकोवाले होने के हमारे गर्व के साथ एक भारतीय होने की चेतना का सम्मिलन हो।

इन शब्दों के साथ, इस गणतन्त्र दिवस पर, मैं फिर से आपको और आपके परिवार के सदस्यों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँ।

जय हिन्द!