press release

नालको ने अनुसन्धान एवं विकास प्रक्रिया व्यावसायिक बनाई

calender10/12/2013

भुवनेश्वर, 10/12/2013: अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में एक बड़े कदम के रूप में, नेशनल एल्युमिनियम कम्पनी लिमिटेड (नालको), खान मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम ने “भुक्त पॉट लाइनिंग सामग्री (एसपीएल) से विषाक्त साईनाईड को नष्ट करने के लिए ताप उपचार प्रक्रिया के विकास और मूल्यवान वस्तुओं की पुनःप्राप्ति” नामक प्रयोगशाला स्तरीय अनुसन्धान एवं विकास प्रक्रिया का मेसर्स ग्रीन एनर्जी रिसोर्सेस, ओड़िशा को व्यावसायिकरण किया है।

इस सम्बन्ध में, नालको और मेसर्स ग्रीन एनर्जी रिसोर्सेस के मध्य आज एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। कम्पनी की ओर से, श्री एस॰के॰ दाश, कार्यपालक निदेशक (परियोजना एवं तकनीकी) और मेसर्स ग्रीन एनर्जी रिसोर्सेस की ओर से, श्री एन॰के॰ अग्रवाल, साझेदार ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। श्री अंशुमान दास, अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक, श्री एन॰आर॰ महान्ति, निदेशक(परियोजना एवं तकनीकी), श्री बी॰के॰ शतपथी, महाप्रबन्धक (अनुसन्धान एवं विकास) और श्री पी॰के॰ बिश्वाल, साझेदार, मेसर्स ग्रीन एनर्जी रिसोर्सेस इस अवसर पर उल्लेखनीय रूप से उपस्थित थे।

यह प्रक्रिया नालको और जवाहरलाल नेहरू एल्युमिनियम अनुसन्धान विकास और डिजाइन केन्द्र (जेएनआरडीसी), नागपुर के बीच एक सहयोगी प्रयास में विकसित की गई है। मेसर्स ग्रीन एनर्जी रिसोर्सेस द्वारा (आवश्यक सांविधिक पारिती पाने के बाद) एक अनकूल आकार के संयंत्र की संस्थापना और चालू किए जाने पर अपशिष्य सामग्री (भुक्तपॉट लाइन) के उपयोग में मदद मिलेगी।