Press Release

एल्यूमिनियम एसोसिएशन ऑफ इण्डिया ने केन्द्रीय मन्त्री के समक्ष योजनाएँ पेश की और व्यवसाय के संरक्षण हेतु जोर डाला

calender30/03/2016

भुवनेश्वर, 30/03/2016: एल्यूमिनियम एसोसिएशन ऑफ इण्डिया (ए.ए.आई.) के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय इस्पात और खान मन्त्री और श्री बलविन्दर कुमार, सचिव (खान), भारत सरकार से मंगलवार को मुलाकात की और संघ की योजनाएँ पेश की तथा व्यवसाय के संरक्षण पर जोर दिया। बैठक में, उन्होंने अत्यन्त मन्दे देशीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय एल्यूमिनियम बाजार स्थिति समझाई और भारत में एल्यूमिनियम क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए सरकारी पहल और हस्तक्षेप के लिए अनुरोध किया।

ए.ए.आई., भारत में प्राथमिक एल्यूमिनियम उत्पादकों, द्वितीय स्तर के उत्पादकों, अनुप्रवाह एल्यूमिनियम उद्योगों एवं विभिन्न एल्यूमिनियम संस्थानों का शीर्षस्थ संगठन, ने हाल ही में डॉ॰ तपन कुमार चान्द, अध्यक्ष-सह-प्रबन्धक-निदेशक, नालको को अध्यक्ष तथा श्री सतीश पई, उप-प्रबन्ध निदेशक, हिण्डाल्को एवं श्री अभिजीत पति, वेदान्त के अध्यक्ष को संघ के उपाध्यक्ष के रूप में तथा अन्य को कार्यकारी सदस्यों के रूप में चुनकर अपनी राष्ट्रीय परिषद का चुनाव किया।

डॉ॰ चान्द, अध्यक्ष, ए.ए.आई., ने सूचित किया कि मध्य-पूर्व में कम ऊर्जा लागत और चीन में वित्तीय सहायताप्राप्त ऊर्जा के साथ सम्बन्धित सरकारों द्वारा प्रदत्त अन्य लाभों के कारण, एल्यूमिनियम के आयातित माल की लागत, देश में उत्पादित एल्यूमिनियम की तुलना में ₹5000-6000 प्रतिटन कम बैठती है। इसलिए, आयात भारत में से मध्य-पूर्व और चीन से आयात हो रहे हैं। ए.ए.आई. के उपाध्यक्ष श्री अभिजीत पति और श्री सतीश पई ने इस्पात क्षेत्र के समान संरक्षण आयात शुल्क और सर्वनिम्न आयात मूल्य जैसे सरकारी उपायों के समर्थन में प्रतिपादन किया।

डॉ॰ चान्द ने यह भी कहा कि एल्यूमिनियम की खपत को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, जिसके लिए प्राथमिक एवं एल्यूमिनियम उत्पादकों को सदस्य के रूप में तथा सचिव (खान की अध्यक्षता में खान मंत्रालय में एक एल्यूमिनियम विकास परिषद (ए.डी.सी.) गठित की जा सकती है। उन्होंने खान मंत्रालय से राष्ट्रीय एल्यूमिनियम नीति (एन.ए.पी.-2016) और एल्यूमिनियम संकल्पना एवं ध्येय योजना 2025 का प्रचलन करने के लिए कदम उठाने हेतु अनुरोध किया। संघ की ओर से, एल्यूमिनियम उत्पादकों से मंत्रालय को हर प्रकार के समर्थन का आश्वासन दिया।

साथ ही, डॉ॰ चान्द ने इस बात पर भी बल दिया कि एल्यूमिनियम खपत को बढ़ावा दिए जाने से “मेक इन इण्डिया” अभियान को बड़ा सहारा मिलेगा क्योंकि विश्व में एल्यूमिनियम की प्रति व्यक्ति खपत 9-10 कि.ग्रा. की तुलना में भारत में केवल 2.2 कि.ग्रा. है। उन्होंने आगे सूचित किया कि अन्तर्राष्ट्रीय एल्यूमिनियम सम्मेलन (इन्काल-2017) फरवरी में भुवनेश्वर में आयोजित होगा, जिसमें सभी विश्व के सभी अग्रणी एल्यूमिनियम उद्योग भाग लेंगे।