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भारत जैसी एक उदीयमान अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन, नवाचार और समावेशन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे : नालको के अध्यक्ष-सह-प्रबंध नेदेशक डॉ. तपन कुमार चान्द

calender11/01/2019
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भुवनेश्वर, 11/01/19 : “तेजी से बदलती व्यवसायिक पर्यावरण जहाँ “उद्योग 4.0” भारत तथा पूरे विश्व में एक लोकप्रिय शब्द बन चुका है, रोजगार सृजन, नवाचार और समावेशन जैसी प्रमुख चुनौतियों का सामना भारत जैसी उदीयमान अर्थव्यवस्ता को करना पड़ रहा है” — नालको के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक डॉ. तपन कुमार चांद ने “उदीयमान अर्थव्यवस्था में व्यवसायिक मुद्दे तथा चुनौतियाँ” विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा।

इस समारोह में पधारे हुए भारत तथा विदेश के उद्योग-कप्तानों, शिक्षाविदों, विदेशी प्रतिनिधियों, शोध छात्रों और नीति निर्माताओं की सभा में डॉ. तपन कुमार चांद ने कहा, “भारत तीसरी वृहतम अर्थव्यवस्था बनने के स्वप्न के साथ तेजी से बढ़ रही एक विशाल अर्थव्यवस्था है। अनुमानों के अनुसार, भारत 2030 तक निवर्तमान $2.57 ट्रिलियन आंकडों से, $5 ट्रिलियन कर पहुँचने का लक्ष्य रख रहा है। प्रश्न यह उठता है कि क्या अर्थव्यवस्था 2030 तक तिगुनी हो पाएगी।’’ डॉ.. चांद ने आगे कहा कि भारत का जनसांख्यिकीय अंश निश्चित रूप से बड़ा सपना देखने के पक्ष में है लेकिन श्रमजीवी जनसंख्या को उत्पादक नियोजन में लगाने की आवश्यकता है और अर्थव्यवस्था पर वांछित प्रभाव पैदा करने के लिए कौशल-व्यवस्थाओं को रणनीतिक रूप से बढ़ाना भी जरूरी है।

बिड़ला ग्लोबल युनिवर्सिटी के अधीन बिड़ला स्कूल ऑफ मैनेजमेंट द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अपना संभाषण देते हुए डॉ. चांद ने डैटा-संग्रह का महत्व प्रतिपादित करते हुए कहा कि यह किस प्रकार उद्योगों तथा नीति निर्माताओं को हस्तक्षेप करने का निर्णय लेकर अर्थव्यवस्था के सुधार में मदद करेगा।

‘’हम अब चौथी औद्योगिक क्रांति से गुजर रहे हैं, जहाँ रोबोटिक्स, संवर्धित वास्तविकता, इंटरनेट ऑफ थिंग्सल आदि उद्योगों के लिए भावी गतिविधि के निर्णायक होंगे। लेकिन तकनीकी हंगामा निश्चित रूप से कुछ लोगों के रोजगार छीन लेगा। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम् उद्योग रोजगार सृजन करने संचालक होंगे। इस चुनौती का सामना करने के लिए, एक मातृ संयंत्र होने के नाते नालको पहले से ही कदम उठा चुकी है। अनुगुळ एल्यूमिनियम पार्क नालको से सूक्ष्म लघु तथा मध्य उद्योग क्षेत्र को सस्ती दर पर कच्चा माल खरीदने में सहायता प्रदान करेगा और नवरत्न लोक उद्यम कंपनी सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम् उद्योगों को विपणन सहायता देने के लिए भी आगे आएगी,’’ डॉ.. चान्द ने कहा।

इस उदघाटन समारोह में प्रोफेसर सुधाकर पंडा, बिड़ला ग्लोबल युनिवर्सिटी के कुलपति, प्रोफेसर एवं डॉ..राडो बोहिंक, जुब्लाजना युनिवर्सिटी स्लोवेनिआ, यूरोप के समाज विज्ञान के पूर्व डीन, डॉ.. जेराल्ड गो गुआन गान, व्यवसाय संकाय विशेषज्ञ, मल्टीमीडिया युनिवर्सिटी, मलेशिया के डीन, और डॉ. एस.के. आचार्य, एन.एल.सी. इण्डिया, के पूर्व अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक आदि अन्य प्रतिष्ठित महानुभाव प्रमुख वक्ता थे।