दामनजोड़ी, ओड़िशा, 25 फरवरी 2020: केंद्रीय खान एवं कोयला मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को दामनजोड़ी, ओड़िशा में नालको के खान एवं परिशोधन संकुल में क्रशर तथा कंवेयर सिस्टम का शिलान्यास किया। यह प्रणाली कंपनी के एल्यूमिना परिशोधक की पांचवी धारा के लिए बॉक्साइट की आवश्यकता को पूरा करेगी। यह परियोजना अप्रैल 2022 तक पूरा होने की संभावना है तथा इसकी लागत लगभग रु. 483 करोड़ होगी।
श्री जोशी ने शिलान्यास के तत्काल पश्चात खान एवं परिशोधन संकुल, दामनजोड़ी में नालको के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि “एक राष्ट्र के रूप में हमारा लक्ष्य 2024 तक अपने देश की अर्थव्यस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंचाना है तथा मुझे भरोसा है कि इस विकास यात्रा में नालको का अहम योगदान होगा।“
अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि ओड़िशा में देश के बॉक्साइट का लगभग 51%, कोयले का 25% तथा लोह अयस्क का 34% संसाधन है तथा इसके अलावा क्रॉमाइट का 96 % तथा 44% मैगनीज का संसाधन है। श्री जोशी ने कहा कि “हमारी सरकार ने देश तथा इन क्षेत्रों के निवासियों के हित के लिए खनिज संपन्न राज्यों में खनन सम्भावनाएं तलाशने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।“ उन्होने इस क्षेत्र में खनन गतिविधियों के लिए सहयोग करने हेतु राज्य सरकार की भी सराहना की तथा कहा कि यह राज्य के विकास तथा अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने में सहायता करेगा।
इससे पूर्व सोमवार को श्री जोशी ने विशाखापत्तनम में नालको की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की तथा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों को सुरक्षा की ओर ध्यान देते हुए वार्षिक लक्ष्य प्राप्त करने हेतु उत्पादन बढ़ाने संबंधी निदेश दिए। उन्होंने नालको को 4वें लगातार वर्ष के लिए बॉक्साइट एवं एल्यूमिना हेतु विश्व के सबसे सस्ते उत्पादक बनने हेतु खुशी प्रकट की। उन्होने सुदूर क्षेत्रों में प्रचालन के दौरान आने वाली चुनौतियों के मध्य पूर्ण क्षमता का उपयोग करने के लिए भी नालको की सराहना की।
श्री जोशी ने कोरापुट जिले में स्थित पंचपटमाली बॉक्साइट खान का भी दौरा किया, जो एशिया की सबसे बड़ी बॉक्साइट खान है, जिसमें लगभग 310 मिलियन टन बॉक्साइट जमा है।
नेशनल एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (नालको), खान मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक नवरत्न लोक उद्यम है, जिसका मुख्यालय भुवनेश्वर, ओड़िशा में स्थित है। कंपनी एशिया में एक वृहत्तम एकीकृत बॉक्साइट-एल्यूमिना-एल्यूमिनियम-विद्युत संकुल है। कंपनी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है। एल्यूमिना परिशोधक अनुगुल स्थित कंपनी के प्रद्रावक को एल्यूमिना प्रदान करता है तथा विशाखापत्तनम पत्तन के माध्यम से विदेशी बाजार में शेष एल्यूमिना का निर्यात करता है। एल्यूमिना परिशोधक की वर्तमान मानक क्षमता 4 स्वतंत्र धाराओं के माध्यम से 21 लाख मीट्रिक टन प्रतिवर्ष है। परिशोधक विशेष प्रकार की कन्वेयर बेल्ट, जिसे केबल बेल्ट कहा जाता है, के माध्यम से 16 किमी की दूरी पर पूर्वी घाट में स्थित अपने ग्रहीत पंटपटमाली बॉक्साइट खान से बॉक्साइट प्राप्त करती है। महानदी कोल्फील्ड लिमिटेड से कोयला प्राप्त किया जाता है , कॉस्टिक सोडा पत्तन सुविधाओं से प्राप्त किया जाता है तथा कोरापुट जिले में अवस्थित, कोलाब जलाशय से जल प्राप्त किया जाता है।