भुवनेश्वर, 07/01/2021: माननीय केंद्रीय कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने आज भुवनेश्वर में कंपनी के 41वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान संभाषण देते हुए कहा कि “यह वास्तव में बहुत ही प्रशंसनीय है कि नालको, जिसने 1981 में आधुनिकतम निवेश की शुरूआत की थी, चार दशकों से अधिक समय से शीर्ष स्थान पर विद्यमान है। संधारणीय विकास के चालीस गौरवमयी वर्ष प्रदर्शित करते हैं कि नालको ने व्यवसायिक श्रृंखला में परिपक्वता को हासिल कर लिया है तथा अब उत्तरोतर विकास एवं विस्तार सार्वजनिक क्षेत्र के इस उद्यम को व्यावसायिक उत्कृष्टता के अगले चरण पर ले जाएगा।”
केंद्रीय मंत्री ने उत्पादन और उत्पादकता हेतु अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रबंधन के कर्मचारियों के समर्पण, कड़ी मेहनत की सराहना की, विशेषकर पिछले कुछ महीनों के दौरान जब कोविड 19 महामारी की शुरुआत में धातु की कीमतों में गिरावट आई। इस अवसर पर, माननीय केंद्रीय मंत्री श्री जोशी ने इस तथ्य पर भी जोर दिया कि देश में एल्यूमिनियम की प्रति व्यक्ति खपत को बढ़ाने की अत्यधिक गुंजाइश है और यह भारतीय एल्यूमिनियम उद्योग के लिए अपने उत्पादन को बढ़ाने और इस अवसर का लाभ उठाने का सही समय है। उन्होंने कहा,”बिजली, भवन व निर्माण, पैकेजिंग, ऑटोमोबाइल विनिर्माण और परिवहन जैसे क्षेत्रों में भारत सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के कारण मांग बढ़ने के साथ वार्षिक खपत कई गुना बढ़ेगी।”
नालको की विकास योजनाओं के संबंध में, उन्होंने कहा, नालको को एल्यूमिना और एल्यूमिनियम क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान करने हेतु आवश्यक है कि आने वाले 7-8 वर्षों में रू 30000 करोड़ के अनुमानित निवेश के साथ नालको को सुनियोजित विस्तार करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि, “इससे कंपनी को अपनी स्थिरता तथा प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखने में मदद मिलेगी। साथ ही साथ, अन्य सभी धातुओं में एल्यूमिनियम के पास निकट भविष्य में भारी निवेश आकर्षित करने की क्षमता है।”
उन्होंने कहा कि,“अगले 7-8 वर्षों में इस रू 30000 करोड़ की विस्तार योजना में परिशोधक की क्षमता में 1 टन का विस्तार, 3.5 मिलियन टन क्षमता की पोट्टांगी बॉक्साइट खान तथा उत्कल डी एवं ई कोल ब्लॉक का परिचालन शामिल होगा। इसके अलावा, इस विकास योजना में ओडिशा के अनुगुळ जिले में ब्राउनफील्ड विस्तार के माध्यम से ग्रहीत विद्युत संयंत्र की क्षमता में 1200-1400 मेगावाट विस्तार तथा एल्यूमिनियम प्रद्रावक की क्षमता में 0.5 मिलियन टन विस्तार को परिकल्पित किया गया है।”
उल्लेखनीय है कि 2021-22 के पहले तिमाही में 2 एमटीए के उत्कल डी कोल ब्लॉक के लीज डीड के निष्पादन के पश्चात नालको खान खोलने की अनुमति प्राप्त करने के अग्रणी चरण में है। इसी प्रकार, 2022-23 में खान खोलने की योजना के साथ 2 एमटीए वाले उत्कल ई कोल ब्लॉक हेतु वैधानिक मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया में है। माननीय मंत्री महोदय ने प्रशंसा करते हुए कहा कि विषम परिस्थितियों के बावजूद नालको ने 31 दिसम्बर 2020 तक वित्तीय वर्ष 2021-22 के पूँजीगत व्यय (कैपेक्स) का 75% लक्ष्य हासिल कर लिया है।
इस अवसर पर श्री श्रीधर पात्र, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ने पिछले वित्तीय वर्ष में कंपनी के महत्वपूर्ण प्रदर्शन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने नालको के निर्यात आय के बारे में साझा किया कि इस वित्तीय वर्ष में बिक्री कारोबार का 59% प्रथम छमाही से था। उन्होंने गुजरात एल्कलाइज एण्ड केमिकल लि. के साथ संयुक्त उद्यम से स्थापित कास्टिक सोडा संयंत्र के बारे में भी बताया कि 2021-22 के प्रारम्भ में इसके चालू होने की संभावना है तथा इससे नालको को कास्टिक सोडा की सतत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। श्री श्रीधर पात्र ने माननीय मंत्री महोदय तथा खान मंत्रालय को नालको के सभी प्रयासों में संपूर्ण समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने राज्य सरकार को भी दामनजोड़ी अवस्थित परिशोधक के 5वीं धारा सहित विविध परियोजनाओं की तीव्रता हेतु धन्यवाद दिया। श्री श्रीधर पात्र ने नालको के प्रदर्शन का श्रेय सामूहिक प्रयास तथा कर्मचारियों के समर्पण एवं विभिन्न हितधारकों के सहयोग को दिया।
माननीय केंद्रीय मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने कर्मचारियों के प्रदर्शन को निखारने के लिए एक प्रोत्साहन योजना “माह का कर्मचारी योजना“ की शुरूआत की। इसके अतिरिक्त, समारोह के दौरान नालको के “श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों” को पुरस्कृत भी किया गया।