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केन्द्र ने उत्कल डी एवं ई कोयला प्रखण्ड नालको को आबंटित किए

calender15/09/2015

Utkal D & E Coal Blocks Cover Image

भुवनेश्वर: 15/09/2015:  नेशनल एल्यूमिनियम कम्पनी लिमिटेड (नालको), खान मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम, को ओड़िशा के अनुगुळ जिला में अवस्थित उत्कल डी और ई कोयला प्रखण्ड आबंटित किए गए हैं, जहाँ कम्पनी का 4.6 लाख टन क्षमता का एल्यूमिनियम प्रद्रावक और 1200 मेगावाट क्षमता का ग्रहीत विद्युत संयंत्र अवस्थित है।

श्री तपन कुमार चान्द, अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक, नालको ने कहा “कम्पनी का सुचारु प्रचालन और विस्तार योजनाएँ इन प्रखण्डों के आबंटन पर निर्भर थीं।”. “इसके साथ, नालको के ग्रहीत संसाधन में 200 मिलियन टन कोयला जुड़ेगा, जिससे यह कम्पनी आगामी तीन दशकों और अधिक के लिए काफी चिन्तामुक्त रहेगी” श्री चान्द ने आगे कहा।

यह उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा 2004 में उत्कल-ई कोयला ब्लॉक नालको को आबंटित किया गया था। कम्पनी भूमि अधिग्रहण की क्षतिपूर्ति के बाबत ₹98 करोड़ सहित, इस ब्लॉक के लिए ₹126.34 करोड़ खर्च कर चुकी थी। कम्पनी ने इस क्षेत्र में आनुषंगिक सुविधाओं तथा विभिन्न निगम सामाजिक उत्तरदायित्व गतिविधियों पर भी उल्लेखनीय खर्च किया था। लेकिन, उच्चतम न्यायालय द्वारा देशभर में 204 कोयला प्रखण्डों का आबंटन रद्द करने आदेश के अनुसरण में उत्कल ई कोयला ब्लॉक का आबंटन रद्द किए जाने से कम्पनी के लिए भारी बाधा उत्पन्न हो गई थी। नालको, सरकारी आबंटन के मार्ग से इस कोयला प्रखण्ड को फिर से आबंटित करने के लिए भारत सरकार से निवेदन करती आ रही थी, चूँकि अन्तिम-उपयोग हेतु निवेश किया जा चुका था।

अब भारत सरकार ने नालको की नितान्त आवश्यकता को समझा और कम्पनी के पक्ष में कोयला प्रखण्डों को आबंटित करने का निर्णय लिया है, अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक श्री तपन कुमार चान्द ने इन खानों को आबंटित करने के लिए खान मंत्रालय और कोयला मंत्रालय के प्रति आभार व्यक्त किया है जिससे कम्पनी अपनी विस्तार योजनाओं को पूरा कर पाएगी। श्री चान्द ने सारांश में कहा कि “समग्र कम्पनी में कृतज्ञता और आनन्द-उल्लास की भावना भर गई है, क्योंकि यह महत्वपूर्ण निर्णय नालको के स्वप्नों और आशाओं के साथ गहनता से बुना हुआ था।”