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Yes,Proceedनालको नीलाम्बु चिलिका पुरस्कार संस्थापित
भुवनेश्वर, 13/01/2016 : “एक जिम्मेदार निगम नागरिक के रूप में, नालको चिलिका सहित ओड़िशा की समृद्ध जैव-विविधता की संधारणीयता के लिए चिन्ता करती है और राज्य की कला, संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वचनबद्ध है”, कम्पनी के अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक श्री तपन कुमार चान्द, ने कहा। वे बुधवार को सातपड़ा में आयोजित तीन दिवसीय व्यापी चिलिका महोत्सव के समारोप समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्भाषण दे रहे थे। इस अवसर पर, श्री चान्द ने गैर-सरकारी संगठनों के लिए ₹1 लाख प्रत्येक के दो ‘नालको नीलाम्बु चिलिका पुरस्कारों’ की घोषणा की, जो इस महोत्सव के अगले संस्करण में दिए जाएँगे।
इस तीन-दिवसीय कार्यक्रम में पर्यटकों के लिए विभिन्न जल क्रीड़ाओं, हस्कला एवं हैण्डलूम प्रदर्शनियों, समुद्री खाद्य महोत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रम, युद्धकौशल कला एवं बालुका कला प्रदर्शन की अनुपम शृंखला प्रस्तुत की गई थी।
इस अवसर पर बोलते हुए, सांस्कृतिक धरोहर, आर्द्रभूमि प्रबन्धन और जैव-वैविध्य के अनुरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए ऐसे एक उत्कृष्ट महोत्सव का आयोजन करने के लिए श्री चान्द ने पर्यटन विभाग, ओड़िशा सरकार, चिलिका विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन, पुरी के प्रयासों को शाबासी दी। “चिलिका, भारत में वृहत्तम समुद्रतटीय झील और विश्व में द्वितीय वृहत्तम झील है, जो समृद्ध जैव-वैविध्य का प्रतिनिधित्व करती है और विभिन्न प्रजातियों के 8 लाख से अधिक प्रवासी पक्षियों का शीतकालीन गंतव्य है। नालको, ने अपने 2016 के निगम कैलेण्डर में ओड़िशा के इस पहलू की प्रदर्शन-मंजूषा प्रकाशित की है, जिसमें चिलिका को प्रधान स्थान दिया गया है”, श्री चान्द ने सूचित किया। “यदि उचित रूप से विकसित किया जाए, चिलिका देश में पर्यटन का प्रमुख आकर्षण हो सकती है। नालको इस सम्बन्ध में किसी उद्यम को समर्थन देने की इच्छुक है”, उन्होंने आगे कहा।
जबकि श्री अशोक चन्द्र पण्डा, मन्त्री, पर्यटन और वन, ओड़िशा सरकार ने इस महोत्सव के समारोप संध्या का उद्घाटन किया, इस अवसर पर श्री संजय दास बर्मा, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण, कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा, ओड़िशा सरकार और श्री दिवाकर पात्र, अध्यक्ष, जिला परिषद उल्लेखनीय रूप से उपस्थित थे।