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Yes,Proceedभुवनेश्वर: 16/08/2015: आज यहाँ नालको सभागार में डॉ॰ हेम पाण्डे, अपर सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, श्री तपन कुमार चान्द, अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक, नालको और श्री व्ही॰ बालसुब्रमण्यम्, निदेशक (उत्पादन), नालको की उपस्थिति में श्री देवी प्रसाद मिश्र, उद्योग, स्कूल एवं जन शिक्षा मन्त्री, ओड़िशा सरकार द्वारा ओड़िशा की जैव-विविधता पर “एक्वाटिक प्लांट्स ऑफ ईस्ट इण्डिया” नामक पुस्तक का विमोचन हुआ। यह पुस्तक डॉ॰ अजय कुमार महापात्र, प्रबन्ध-निदेशक, ओड़िशा वन विकास निगम और श्री अशोक बिश्वाल द्वारा लिखी गई है। इस पुस्तक में पूर्वी भारत के 34 जिलों के जलीय और आर्द्र-प्रदेश के पेड़-पौधों की व्यापक प्रजातियों का वर्णन है।
इस पुस्तक के लेखक, डॉ॰ महापात्र ने आभार व्यक्त करते हुए, इस पुस्तक के प्रकाशन हेतु नालको सक्रिय सहयोग के लिए धन्यवाद दिया, कि इससे केवल अनुसंधान कर्ताओं को अमित मदद ही नहीं मिलेगी, बल्कि इन प्रजितियों के संरक्षण और पहचान हेतु आम जनता भी समर्थ होगी।
लेखकों द्वारा किए गए कार्य की प्रशंसा करते हुए, श्री तपन कुमार चान्द, अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक, नालको ने संधारणीय विकास के लिए प्रकृति, पोषण और भविष्य के महत्व पर बल दिया। उन्होंने आगे कहा कि पर्यावरण विज्ञान के जैव और अजैव तत्वों के उचित संतुलन की आवश्यकता है और आदिम सुन्दरता और उदारता के साथ प्रकृति माता का संरक्षण और परिरक्षण किए जाने की जरूरत है। यह उल्लेखनीय है कि नालको ने अपने स्थापना काल से ही, पर्यावरणीय देखभाल से सम्बन्धित मामलों को सर्वाधिक महत्व दिया है और जैव-वैविध्य सर्वेक्षण संचालित करने के साथ साथ ऐसे विषयों पर पुस्तकों के प्रकाशन में सहयोग देती आई है। श्री चान्द ने आगे कहा कि निकट भविष्य में ऐसी और कई पर्यावरणीय पहल और प्रकाशन होंगे।