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श्री तपन कुमार चान्द ने नालको के पूर्णकालिक अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक का कार्यभार संभाला।

calender27/07/2015

भुवनेश्वर, 27/07/2015: श्री तपन कुमार चान्द ने आज नवरत्न् सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम, नेशनल एल्यूमिनियम कम्पनी लिमिटेड (नालको) के पूर्णकालिक अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक का पदभार संभाल लिया। इसके पूर्व, श्री चान्द राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आर.आई.एन.एल.) के निदेशक (वाणिज्य) थे।

श्री टी॰के॰ चान्द अपने साथ निदेशक-मण्डल में 8 वर्षों सहित खनन एवं धातु क्षेत्र में तीन दशकों से अधिक का गहन अनुभव लेकर आए हैं। उत्कल विश्वविद्यालय से स्वर्णपदक प्राप्त, श्री चान्द ने पश्चिमी यूरोप में इण्टरनेशनल सेण्टर फॉर प्रोमोशन ऑफ इण्टरप्राईजेस (आईसीपीई) और क्वीन्सलैण्ड युनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, आस्ट्रेलिया में प्रगत प्रबन्धन कार्यक्रम में प्रशिक्षण लिया है। उन्होंने ओ.ई.सी.डी. के पेरिस सम्मेलन में भारतीय इस्पात उद्योग का प्रतिनिधित्व किया। निगम अभिशासन के क्षेत्रों में, वे स्कोप और सार्वजनिक उद्यम विभाग, भारत सरकार द्वारा उत्कृष्ट कार्य-निष्पादक निर्णीत हुए थे। उन्होंने केन्द्रीय कोयला, कोल इण्डिया की एक कम्पनी मंि निदेशक और फिर विशाखापत्तनम् इस्पात संयंत्र, भारत सरकार की एक नवरत्नय कम्पनी में निदेशक के रूप में भी सेवा की।

नया कार्यभार सम्भालने पर, श्री चान्द ने सूचित किया कि वे नालको दल को ऊपर उठने और गौरव की महत्तर ऊँचाइयों पर पहुँचने के लिए मार्ग प्रशस्त करने हेतु हर प्रयास करेंगे। मूल्य-आधारित और प्रणाली-संचालित प्रबन्धन के साथ ही, उन्होंने नालको के उत्पादों को अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में लागत प्रतियोगी बनाने, कारोबार को बढ़ाने के लिए विविधीकरण, संस्कृति के रूप में सुरक्षा, कर्मचारियों और आसपास के समुदाय के समानुभूतिक कल्याण के लिए सभी स्तरों पर दृढ़ व्यावसायिक चेतना पर बल दिया।

वर्तमान व्यावसायिक वातावरण पर चर्चा करते हुए, नये अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक महोदय ने सूचित किया कि देशीय और भूमण्डलीय दोनों बाजारों में सुस्ती छाई हुई है और धातु उद्योगों के लिए यह एक कठिन समय है। धातु निर्ताओं को, चाहे लौह हों या अलौह, अपनी उगाही को बढ़ाने के लिए परिमाण अन्तर और मूल्य अन्तर पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है। निवर्तमान बाजार हिमझंझावात से पार निकलने के लिए नया बाजार, ग्राहक आधार का विस्तार, उत्पाद विविधीकरण और ऊच्च श्रेणी के उत्पाद आदि कुछ पहल तत्काल करनी होंगी। अपनी कार्यसूची में, उन्होंने वर्तमान परिसम्पत्तियों के उपयोग और लागत में कमी के साथ, कम्पनी के विस्तार और विविधीकरण को शीर्ष प्राथमिकता पर रखा है।