Press Release

अग्रसक्रिय जलवायु परिवर्तन कार्यवाही के लिए नालको पुरस्कृत

calender17/12/2015

भुवनेश्वर, 17/12/2015: नेशनल एल्यूमिनियम कम्पनी लिमिटेड (नालको) के अनुगुळ, ओड़िशा में अवस्थित, तापज ग्रहीत विद्युत संयंत्र को ‘अग्रसक्रिय जलवायु परिवर्तन’ के लिए पुरस्कृत किया गया है। यह उल्लेखनीय है कि नालको, देश की वह पहली कम्पनी है, जो अपने ग्रहीत विद्युत संयंत्र में कार्बन प्रच्छादन पर परीक्षणात्मक-सह-प्रदर्शन परियोजना कार्यान्वयित कर रही है, जिससे शैवाल की विशेष नस्ल की पैदावार का उपयोग करके कार्बन उत्सर्जन को कम किया जाएगा।

आज राज्य की राजधानी में, राज्य प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड, ओड़िशा, इण्डोकैन ट्क्नोलॉजी सोल्यूशन्स, द इन्स्टीच्यूट ऑफ इंजीनियर्स (इण्डिया) और इन्स्टीच्यूट फॉर एप्लाईड एन्विरोनमेण्टल बायोटेक्नोलॉजी इन्नोवेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित “संधारणीय समाज के विकास में सूक्ष्म-शैवाल” विषय पर आयोजित एक सेमिनार में यह पुरस्कार प्रदान किया गया।

मुख्य अतिथि के रूप में समारोह की शोभा बढ़ाते हुए, श्री तपन कुमार चान्द, अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक, नालको ने इस अवसर पर उपस्थित अनुसंधानकर्ताओं, शिक्षाविदों और पेशेवरों को आश्वासन दिया कि “नालको द्वारा उपलब्ध आनन्दित करनेवाले परिणामों पर विचार करते हुए, हम शीघ्र की इस परीक्षणात्मक परियोजना को व्यावसायिक संयंत्र में प्रसारित करेंगे।”

नालको की ओर से, श्री व्ही.बालसुब्रमण्यम्, निदेशक (उत्पादन) और श्री एस.के.नाइक, सहायक महाप्रबन्धक (एस.एच. एवं ई.) ने यह प्रतिष्ठापूर्ण पुरस्कार ग्रहण किया। उद्योग के साथ ही, व्यक्तिगत संवर्ग में, श्री सिद्धान्त दास, आई.एफ.एस., अपर पी.सी.सी.एफ. (नोडल) को भी इस अवसर पर पुरस्कृत किया गया।

अन्य प्रमुख व्यक्तियों में, श्री राजीव कुमार, आई.एफ.एस., सदस्य सचिव, राज्य प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड, ओड़िशा; डॉ॰ टी॰ वेणुगोपालन्, सलाहकार, टाटा इस्पात और इण्डोकैन ट्क्नोलॉजी सोल्यूशन्स के प्रो॰ रञ्जन प्रधान ने उद्धाटन सत्र को सम्बोधित किया।

यह उल्लेखनीय है राज्य की जलवायु परिवर्तन कार्यवाही हेतु एक योजना के रूप में कार्बन जब्ती के लिए शैवाल की खेती करने को हाथ में लेने के लिए ओड़िशा मनोरथ रखता है। जलवायु परिवर्तन के लिए जीववैज्ञानिक उपायों का योगदान संयुक्त राष्ट्र के पेरिस सम्मेलन में भारत की कार्यसूची के एक मद के रूप में शामिल है।