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“उद्योग बौद्धिक अंश के वजाए बेहतर भावनात्मक अंश वाले व्यक्तियों की तलाश में है” – नालको के अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक तपन कुमार चान्द ने कहा

calender28/01/2016

भुवनेश्वर, 28/01/2016: “रोजगार सूचकांक में, अब आई.क्यू. (बौद्धिक अंश) के बदले ई.क्यू. (भावनात्मक अंश) बेहतर निर्धारित किया जाता है। और सभी अग्र-दर्शी उद्योग, नवरत्‍न नालको सहित, नौकरी-खोजनेवालों के मध्य से स्वस्थ व्यक्तित्व की तलाश करते हैं,” नालको के अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक श्री तपन कुमार चान्द ने कहा।

श्री चान्द आज खोर्धा में प्राणनाथ स्वायत्तशासी महाविद्यालय के 57वें वार्षिकोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में सम्भाषण दे रहे थे। “भारतीय उद्योगों में, अगले 4 से 5 वर्षों में 120 मिलियन कुशल नौकरियाँ उपलब्ध होंगी,” श्री चान्द ने सूचित किया। नियोजनक्षमता बढ़ाने के लिए उन्होंने विद्यार्थियों को ए.एस.के. अर्थात् अपनी अभिवृत्ति, कौशल और अभिज्ञान आधार को सुदढ़ करने के लिए प्रेरित किया।

“इनमें से प्रत्येक प्रवृत्ति, जब एक दूसरे से साथ मिश्रित होती है, अद्भुत गुणक प्रभाव होता है। इसीप्रकार, इनमें से किसी एक प्रवृत्ति के अभाव में, नियोजनक्षमता काफी हद तक कम हो जाती है,” श्री चान्द ने कहा।

किसी उत्पादन कम्पनी के विकास और सफलता को मापने के लिए रोजगार सृजन एक पैमाना होन चाहिए। “भारत में बनाओ” अभियान में, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं,” श्री चान्द ने आगे कहा।

शइस अवसर पर अन्य प्रमुख व्यक्तियों में, डॉ॰ अच्युत सामन्त, कीट विश्वविद्यालय के संस्थापक, श्री ज्योतिरीन्द्र नाथ मित्र, शासकीय अध्यक्ष, डॉ॰ प्रताप कुमार दास, प्राचार्य, पी.एन. कॉलेज ने अपना सम्भाषण दिया। श्री विवेक पट्टनायक, आई॰ए॰एस॰ (सेवानिवृत्त) मुख्य वक्ता थे और मेज़र क्षीरोद प्रसाद महान्ति, पूर्व कुलपति, उत्तर ओड़िशा विश्वविद्यालय सम्मानित अतिथि थे। इस अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय बालुका कलाकार सुदर्शन पटनायक को प्रतिष्ठापूर्ण प्राणनाथ सम्मान से नवाजा गया।