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भुवनेश्वर, 19/03/2016 : ओड़िशा-आधारित नवरत्न कम्पनी नालको ओड़िशा की समृद्ध संस्कृति के संरक्षण और प्रवर्धन के लिए वचनबद्ध है, और इस अनुक्रम में, कम्पनी एक जिम्मेदार निगम नागरिक के रूप में, राज्य की समृद्ध विरासत को से जुड़ने के लिए निरन्तर प्रयासरत है।
“महान माहारी नृत्य प्रतिपादक स्व॰ आदि गुरु पंकज चरण दास को श्रद्धाञ्जलि के रूप में, नालको ने उनकी स्मृति में एक राज्य-स्तरीय पुरस्कार संस्थापित करने का निर्णय लिया है”, कम्पनी के अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक डॉ॰ तपन कुमार चान्द, ने कल यहाँ भुवनेश्वर में 3-दिवसीय गुरु पंकज उत्सव के 22वें संस्करण का उद्घाटन करते हुए कहा। “नालको आदि गुरु पंकज चरण पुरस्कार” शीर्षक पुरस्कार में ₹ 1 लाख की धनराशि, एक स्वर्णपदक और एक प्रशंसापत्र दिए जाएँगे, जो इस उत्सव के अगले संस्करण में ओड़िशी के प्रचार-प्रसार हेतु गम्भीरता से प्रयासरत एक संस्थान को प्रदान किया जाएगा।
इस अवसर पर, प्रसिद्ध कलाकार गुरु केशव चन्द्र राउत (बीणाकार), श्री कालिन्दी परिड़ा (मादेलि), श्रीमती शान्तिलता बारिक (ओड़िशी गायन) और श्रीमती पुष्पिता मुखर्जी (ओड़िशी नृत्य) को ओड़िशी और ओड़िशा की सांस्कृतिक धरोहर के प्रति उनके योगदानों के लिए डॉ॰ चान्द द्वारा अभिनन्दन किया गया। यह उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व कम्पनी ने ओड़िशी गुरु और ओड़िशी नर्तक/नर्तकी को सम्मानित करने के लिए नालको खारवेल पुरस्कार संस्थापित किए थे और कला की इस विधा को सीखनेवाले गरीबी की सीमारेखा से नीचे के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति घोषित की थी। अन्य प्रमुख व्यक्तियों में, श्री बी.के॰ त्रिपाठी, पूर्व आई॰पी॰एस॰ एवं गुरु पंकज चरण ओड़िशी अनुसन्धान फाउण्डेशन के अध्यक्ष, और गुरु शरत दास, फाउण्डेशन के सचिव ने भी जनसमूह को सम्बोधित किया।