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ओड़िशा संस्कृति एवं साहित्य द्वारा कस्तूरबा ‘नेपथ्य नायिका’ के जीवन पर प्रथम उपन्यास महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर एक श्रद्धांजली है”: डॉ. तपन कुमार चान्द

calender12/04/2019
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  • “ओड़िशा संस्कृति एवं साहित्य द्वारा कस्तूरबा ‘नेपथ्य नायिका’ के जीवन पर प्रथम उपन्यास महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर एक श्रद्धांजली है”: डॉ. तपन कुमार चान्द
  • “गांधी जी ने हमें स्वतंत्रता दी, कस्तूरबा ने हमें गांधी जी दिए”: डॉ. तपन कुमार चान्द

भुवनेश्वर, 12th अप्रैल 2019 : “प्रचीनकाल से ही साहित्य, सामाजिक संघटनों में समाज सुधार तथा जीवनमूल्यों को अनुप्राणित करने में एक प्रमुख संचालक की भूमिका निभाता रहा है। विशेष तौर पर, महान व्यक्तियों एवं नेताओं के जीवन एवं सिद्धांतों पर आधारित साहित्य इस प्रक्रिया को प्रभावित, समृद्ध, तथा प्रवर्धित कर सकता है। इस संदर्भ में, ओड़िआ भाषा में सुप्रसिद्ध कस्तूरबा गांधी जी के जीवन पर पहली बार प्रसिद्ध उपन्यास प्रशंसनीय है। यह निश्चित रूप से महात्मा गांधी को महान नेता बनाने और कस्तूरबा गांधी जी द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर अंतर्दृष्टि डालता है” — नालको के अध्यक्ष-सह-प्रबंध-निदेशक डॉ. तपन कुमार चान्द ने प्रसिद्ध ओड़िआ लेखिका पुष्पांजलि कर द्वारा लिखित उपन्यास ‘नेपथ्य नायिका’ के विमोचन के अवसर पर कहा। पक्षीघर प्रकाशनी के बैनर के अधीन प्रकाशित इस पुस्तक का आज नालको नगर, भुवनेश्वर के परिसर में विमोचन किया गया। “इस उपन्यास का प्रकाशन महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में हुआ है, जो निश्चित रूप से राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका तथा महिला सशक्तीकरण पर प्रभाव डालेगा” – डॉ. चान्द ने आगे कहा।

कार्यक्रम का उद्घाटन प्रसिद्ध ओड़िआ लेखिका डॉ. मनोरमा महापात्र द्वारा किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने महात्मा गांधी के उत्थान के पीछे उस महिला के जीवन के बारे में लेखन-कार्य के लिए उपन्यास की लेखिका को बधाई दी, जो महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उनके एवं कस्तूरबा गांधी के प्रति एक महान श्रद्धांजलि है। अन्य गणमान्य व्यक्तियों में श्री दाश बेन्हूर, डॉ. गौरहरि दास तथा नालको महिला समिति की अध्यक्ष श्रीमती प्रीति रॉय ने भी इस अवसर संभाषण दिए।

प्रारंभ में, गायिका शरण्या मिश्र ने एक भजन प्रस्तुत किया तथा कलाकार भास्वती बसु ने कस्तूरबा गांधी पर एकल अभिनय प्रस्तुत किया। ओड़िआ साहित्य के कई सुप्रसिद्ध व्यक्तित्व इस अवसर पर उपस्थित रहे। पक्षीघर प्रकाशनी के संपादक ने धन्यवाद ज्ञापन किया।