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नालको द्वारा ‘तम्बाकू के विरुद्ध युवा’ अभियान का समर्थन

calender02/11/2015

भुवनेश्वर, 02/11/2015:  “भारत में, उत्तर-पूर्व क्षेत्र में तम्बाकू के व्यसन के कारण केन्सर अधिक फैल रहा है। और ओड़िशा में, पुरी में मुँह का केन्सर होने की घटनाएँ बहुत ज्यादा हो रही हैं क्योंकि इस जिले में पान की खेती होने के कारण “ज़र्दा-पान” आसानी से मिलता है,” – श्री तपन कुमार चान्द, अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक, नालको ने कहा। “हालांकि, पान का पत्ता खाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है, किन्तु जब इसमें तम्बाकू मिला दिया जाता है और रात भर मुँह में रखा जाता है, इससे केन्सर हो सकता है,” श्री चान्द ने स्पष्ट किया। तम्बाकू चबाना एक बड़ी चिन्ता के रूप में उभरा है, जिससे विश्वभर में हर वर्ष लगभग 6 मिलियन व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है। हाल ही के सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में, इस व्यसन के कारण प्रतिवर्ष लगभग 1 मिलियन जीवन हानि होती है।

कल पुरी में सिंहद्वार के सामने ‘तम्बाखू के विरुद्ध युवा’ अभियान के उद्घाटन समारोह में भाग लेते हुए श्री चान्द ने यह वक्तव्य दिया। इस अभियान की पहलकदमी, नेशनल एल्यूमिनियम कम्पनी लिमिटेड (नालको) के समर्थन से स्वयंसेवी संगठन मिशन ओड़िशा द्वारा की गई है। इस अभियान के उद्घाटन समारोह में लगभग 300 स्कूली बच्चों और स्वयंसेवियों ने भाग लिया। इस अभियान के अंश रूप में, 4 व्यक्तियों यथा- मधुसूदन मिश्र, रश्मि रञ्जन दाश, केदारनाथ महापात्र और चण्डी प्रसाद पट्टनायक, ने मोटरसाईकलों पर अपनी यात्रा आरम्भ की है, जो तम्बाकू-सेवन के स्वास्थ्य के खतरों के बारे में युवाओं में चेतना फैलाने के लिए भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के 8 राज्यों में प्रचार करेंगे।

इस मोटरसाईकल रैली को श्री अतनु सव्यसाची नायक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री, ओड़िशा सरकार, श्री तपन कुमार चान्द, अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक, नालको, श्री अरविन्द अग्रवाल, जिलाधीश और श्री आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक, पुरी द्वारा झण्डा लहरा कर रवाना किया गया।

इस अवसर पर, श्री मानस साहू द्वारा एक तम्बाकू-विरोधी बालुका एनिमेशन फिल्म का विमोचन किया गया।

मिशन ओड़िशा के श्री बद्री मिश्र ने इस अभियान में नालको द्वारा प्रदान किए गए समर्थन की भारी प्रशंसा की और इसके अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक श्री चान्द के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। इस अवसर पर मिशन ओड़िशा द्वारा श्री चान्द को उत्कल रत्ना पुरस्कार से नवाजा गया।