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  • निवेशक सेवा मेनू के तहत टीडीएस प्रमाणपत्र डाउनलोड करें 17/05/2024
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  • MOU Scheme for Sale of Aluminium Metal – 2024-25 13/03/2024
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  • MOU Scheme for Sale of Aluminium Rolled Products – 2024-25 13/03/2024
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  • Declaration and fixation of Record date for 2nd Interim Dividend for the Financial Year 2023-24 16/02/2024
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    नालको व्याख्यान का 18 वां संस्करण  डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने नए भारत की संरचना में  पीएसयू की प्रासंगिकता पर बल दिया

    नालको व्याख्यान का 18 वां संस्करण डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने नए भारत की संरचना में पीएसयू की प्रासंगिकता पर बल दिया

    calender22/02/2020
    Subramanian-Swamy-delivers-keynote-speech-at-18th-Edition-of-NALCO-Lecture-Series-big-2
    Subramanian-Swamy-delivers-keynote-speech-at-18th-Edition-of-NALCO-Lecture-Series-big-1

    भुवनेश्वर, 22/02/2020: डॉ सुब्रमण्यम स्वामी, प्रख्यात अर्थशास्त्री व माननीय सांसद ने आज, नालको के 18वें व्याख्यान माला में “नए भारत की संरचना में पीएसयू की प्रासंगिकता” पर व्याख्यान दिया।

    अपने संबोधन में, डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने नए भारत की संरचना में भारत के सार्वजनिक क्षेत्रों के उद्यमों निर्णायक भूमिका पर बल दिया। आपने कहा कि, “भारत के विकास के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम अति महत्त्वपूर्ण हैं और इन क्षेत्रों को संपन्न बनने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। सार्वजनिक लोक उद्यमों को निर्णय लेने व बाजार की गतिविधियों के अनुरूप परिचालन करने की स्वतंत्रता प्रदान करनी चाहिए।” आपने इस बात पर भी बल दिया कि, सार्वजनिक लोक उद्यमों को केवल लाभ से परे बहु-आयामी उद्देश्यों के साथ आगे बढ़ना चाहिए। कुछ विशेष कार्यक्षेत्र हैं, जो सार्वजनिक लोक उद्यमों द्वारा ही चिह्नित व विकसित किये जा सकते हैं। सार्वजनिक लोक उद्यमों को वाणिज्यिक सिद्धांतों के परिप्रेक्ष्य में प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार रहने की आवश्यकता है। आगे डॉ स्वामी ने कहा कि, “भारत को सार्वजनिक लोक उद्यमों की क्षमता को विवेचित करना चाहिए।” आपने एकीकृत व्यापार संस्था के रूप में, विशेषतः भारतीय एल्यूमिनियम क्षेत्र में व समेकित रुप से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए, नालको के योगदान की प्रशंसा की।

    अपने स्वागत संबोधन के दौरान, श्री श्रीधर पात्र, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, ने कहा कि, केन्द्रीय सार्वजनिक उद्यम के रुप में नालको ने हमेशा ही देश की अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने व उत्पादन, उत्पादकता व लाभप्रदता के सतत बढ़ोतरी के साथ देश-हित को सर्वोपरि रखा है। और साथ ही, केवल लाभ-प्रदता से परे, अपने निगम सामाजिक उत्तरदायित्व पहल से सामाजिक व आर्थिक विकास को आगे बढ़ाया है। आपने कहा कि, “आने वाले समय में भी कंपनी राष्ट्र व भारतीय उद्योग के सतत विकास के प्रति कार्य हेतु समर्पित है।“

    इस अवसर पर वक्ताओं के साथ, नालको के निदेशक, वरिष्ठ अधिकारी, उद्योगों व शिक्षण संस्थानों के अतिथि, पूर्व नालकोनियन भी उपस्थित थे।