भुवनेश्वर, 26/02/2016 : भुवनेश्वर में मुख्यालय वाले नवरत्न लोक उद्यम नेशनल एल्यूमिनियम कम्पनी लिमिटेड (नालको) ने सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवाओं (आई.टी.ई.एस.) में नए शुरू होनेवाले उत्कृष्ट उद्योग के लिए एक राज्य-स्तरीय पुरस्कार संस्थापित किया है। इस पुरस्कार में ₹ एक लाख की धनराशि और एक प्रशंसापत्र शामिल होगा, जो नालको के स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर विजेता को प्रदान किया जाएगा। डॉ॰ तपन कुमार चान्द, अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक, नालको ने द टेलीग्राफ एवं इन्फोकॉम द्वारा आयोजित व्यापार-प्रौद्योगिकी नेतृत्व सम्मेलन, एडवेण्टेज ओड़िशा के दूसरे संस्करण को सम्बोधित करते हुए यह घोषणा की। आज यहाँ इस सम्मेलन का उद्घाटन श्री नवीन पटनायक, मुख्य मन्त्री, ओड़िशा द्वारा सम्पन्न हुआ।
भुवनेश्वर तेजी से उभरनेवाले देश का एक प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी केन्द्र है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान, इस शहर ने भारत की कुछ वृहत्तम आई.टी. कम्पनियों को आकर्षित किया है। यह टीसीएस, इन्फोसिस, विप्रो और टेक महिन्द्रा जैसे प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी घरानों के चुनिन्दा गंतव्यों में से एक है। ओड़िशा में भी आई.टी. क्षेत्र की मांग को पूरा करने के लिए आई.टी. विशिष्ट एस.ई.जेड. विकसित हुए हैं।
“चालू परिवर्तन प्रक्रिया में ओड़िशा एक अग्रणी प्रान्त के रूप में उभरा है। विश्व बैंक की रिपोर्ट में भारत में “सरलता से व्यापार करने” की शर्तों में ओड़िशा को एक ‘महत्वाकांक्षी अग्रणी’ के रूप नें चिह्नित किया गया है। इस सन्दर्भ में, सभी क्षेत्रों से संयुक्त प्रयासों के माध्यम से इस विकास के प्रक्षेप-पथ को प्रशस्त करने की बड़ी जरूरत है। इस सम्बन्ध में, आई.टी. और आई.टी.ई.एस. की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है,” डॉ. चान्द ने कहा। “इसके अतिरिक्त, समग्र ओड़िशा कुशल जनशक्ति के स्रोत के लिए डिप्लोमा एवं आई.टी.आई. संस्थानों सहित 450 से अधिक अभियान्त्रिकी एवं प्रबन्धन कॉलेजों का आलय बना है। इसी समय, भुवनेश्वर “स्मार्ट शहरों” की सूची में सर्वोच्च स्थान पर आया है। इससे अतिरिक्त लाभ मिला है। आनुषंगिक सुविधाएँ के बारे में भी, राष्ट्रीय परिदृश्य की तुलना में ओड़िशा कमर कसे हुए है। जबकि राज्य में सड़कों की सघनता राष्ट्रीय औसत से अधिक है, रेलवे की सघनता के मामले में, यह राष्ट्रीय मानक के सम-स्तर पर है। और फिर, रेलवे बजट 2016 में, केन्द्र ने पिछले वित्त वर्ष की तुलना में ओड़िशा के लिए बजट आबंटन 30% तक बढ़ दिया है, जो औद्योगीकरण और उद्यमिता के लिए अनुकूल वातावरण सृजित करके, निश्चित रूप से राज्य में भावी विकास योजनाओं में मददगार साबित होगा। एक प्रदूषण-मुक्त शहर होने के अलावा, भुवनेश्वर ने अपनी अच्छी कानून एवं व्यवस्था की स्थिति चलते निवेशकों को भी आकर्षित किया है और उभरते उद्यमियों को प्रोत्साहित किया है,” डॉ॰ चान्द ने आगे कहा।
इस अवसर पर अन्य प्रमुख व्यक्तियों में, श्री प्रणव प्रकाश दास, राज्यमन्त्री (स्वतन्त्र प्रभार), इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, ओड़िशा सरकार, श्री पी.के॰ जेना, आई॰ए॰एस॰, प्रधान सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, ओड़िशा सरकार, श्री ए.के. झा, अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक, महानदी कोलफील्स लि॰ और डॉ॰ ॐकार राय, महानिदेशक, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इण्डिया उपस्थित थे।