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  • EOI for Aluminium Smelting Technology Licensors for NALCO’s Brownfield Aluminium Smelter Expansion 28/08/2025
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  • 100 दिन का अभियान- “सक्षम निवेशक-21.08.2025 21/08/2025
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  • अपने डीमैट खाते/फोलियो नंबर में अपनी ईमेल आईडी पंजीकृत करने का अनुरोध 18/08/2025
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  • 100 दिन का अभियान- “सक्षम निवेशक” 14/08/2025
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  • भौतिक शेयरों के हस्तांतरण अनुरोधों को पुनः दाखिल करने के लिए विशेष व्यवस्था 07/07/2025
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  • MoU 2024-25 04/01/2025
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  • Notice Inviting Expression Of Interest (EOI) – Slitting & Rewinding of Aluminium Coils with Installing of Slitting Line Machine on Build Own and Operate Basis 18/09/2024
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  • निवेशक सेवा मेनू के तहत टीडीएस प्रमाणपत्र डाउनलोड करें 17/05/2024
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  • Expression of Interest for Commercialization of R&D Processes 15/04/2024
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  • भौतिक फोलियो का केवाईसी अद्यतनीकरण 25/03/2024
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  • MOU Scheme for Sale of Aluminium Metal – 2024-25 13/03/2024
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  • MOU Scheme for Sale of Aluminium Rolled Products – 2024-25 13/03/2024
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  • Declaration and fixation of Record date for 2nd Interim Dividend for the Financial Year 2023-24 16/02/2024
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    नेशनल एल्यूमिनियम नेटवर्क सम्मेलन 2018

    नेशनल एल्यूमिनियम नेटवर्क सम्मेलन 2018

    calender12/10/2018
    National-Aluminium-Network-Meet-2018

    “एल्यूमिनियम मांग और खपत को पूरा करने के लिए अनुप्रवाह उद्योगों की ओर ध्यानकेंद्र बदलना होगा।”: नालको के अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक डॉ॰ तपन कुमार चान्द “

    भुवनेश्वर, 12/10/2018:“आगामी 5 वर्षों में, भारत में एल्यूमिनियम खपत वर्तमान 3.6 मिलियन टन के स्तर से दुगुनी होकर 7.2 मिलियन टन तक पहुँच जाएगी। यदि हम एल्यूमिनियम अनुप्रवाह उद्योग की ओर ध्यान केंद्रित न करें, भारत लगभग 5 खरब डॉलर के मूल्य के अनुप्रवाह एल्यूमिनियम उत्पादों का आयात करेगा।,”नालको के अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक डॉ॰ तपन कुमार चान्द ने कहा। खान मंत्रालय और जवाहरलाल नेहरू अनुसंधान एवं विकास केन्द्र के तत्त्वावधान के अन्तर्गत आज नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय एल्यूमिनियम नेटवर्क सम्मेलन 2018 के दौरान उन्होंने यह कहा: “इसके अतिरिक्त, भारतीय एल्यूमिनियम उद्योग उत्पादन के लिए लागत वक्ररेखा के ऊँचे छोर है तथा इस उद्योग को टिके रहने तथा लाभार्जन के लिए मूल्यवर्धित एवं ऊच्च उपयोग के अनुप्रवाह उत्पादों के उत्पादन करने की जरूरत है।“ डॉ चान्द ने आगे कहा।

    और आगे, डॉ॰ चान्द ने मुख्य एल्यूमिनियम संयंत्र को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के माध्यम से अनुप्रवाह उद्योगों को बढ़ावा देने पर बल दिया ताकि रोजगार के अवसर सृजित हो सकें जिससे भारतीय एल्यूमिनियम बाजार के विकास में मदद मिलेगी। इस सन्दर्भ में उन्होंने एल्यूमिनियम उद्योगों के प्रमुखों को सलाह दी कि अनुप्रवाह ईकाइयों के लिए एल्यूमिनियम अयस्कों के विकास के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी की पहचान करें। यह प्रौद्योगिकी विकसित जे.एन.ए.आर.डी.सी. द्वारा विकसित की जा सकती है और आपसी सहयोग के माध्यम से विदेशों से स्थानांतरित की जा सकती है। जे.एन.ए.आर.डी.सी. उत्प्रेरक और सुगमकर्ता के रूप में कार्य कर सकती है। डॉ॰ के॰ राजेश्वर राव, अपर सचिव, खान मंत्रालय, भारत सरकार, ने इस सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए अनुप्रवाह एककों को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए नालको की सराहना की तथा सभी सभी एल्यूमिनियम उत्पादकों का आह्वान किया कि समकालीन समय में एल्यूमिनियम की उपयोगिता के बारे में जागृति लायें।

    इस सम्मेलन में खान मंत्रालय, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण, प्राथमिक, द्वितीयक और अनुप्रवाह क्षेत्र के शीर्ष एल्यूमिनियम उत्पादक और प्रौद्योगिकी पेशेवर तथा मूल उपकरण निर्माता (ओ.ई.एम.) उपस्थित थे।