भुवनेश्वर, 10/01/2016: “अपने संयंत्रों और परिस्थलों के चारों ओर लगभग 6.8 करोड़ वृक्षारोपण के अलावा, नालको ओड़िशा भर में विभिन्न सौन्दर्यीकरण परियोजनाएँ हाथ में ले रही हैं। चूँकि हमारा मुख्यालय भुवनेश्वर में है, हम इस राजधानी शहर को बॆंगळूरु की तरह अगले पुष्प-पल्लवित केन्द्र के रूप में उन्नत करके एक हरित नगरी में विकसित करना चाहते हैं”, रविवार को यहाँ क्षेत्रीय पौध संसाधन केन्द्र (आर.पी.आर.सी.) में समाप्त हुई 2-दिवसीय राज्य-स्तरीय वार्षिक पुष्प प्रदर्शनी को सम्बोधित करते हुए नालको के अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक श्री तपन कुमार चान्द ने यह कहा। इसके लिए, नालको हरित पट्टी को बढ़ाएगी और बागवानी गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगी। “वस्तुतः, हाल ही में हमने ₹2.52 करोड़ की परियोजना लागत से ओड़िशा वन विकास निगम की सहायता से कटक और भुवनेश्वर युग्म नगर के बीच वीथि वृक्षारोपण कार्यक्रम हाथ में लिया है। साथ ही, हमारे निगम कार्यालय और टाउनशिप में, हम गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों को दोहन के लिए कदम उठा चुके हैं”,” श्री चान्द ने सूचित किया।
राज्य के सबसे बड़े और सर्वाधिक सुन्दर पुष्प प्रदर्शनी के पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए नालको महिला समिति की अध्यक्षा श्रीमती प्रीति चान्द के साथ श्री चान्द ने इस प्रदर्शनी विभिन्न अनुभागों, यथा- कटे-फूलों, पुष्प-सज्जा, पुष्प-प्रदर्शन, पौधों के बजार, मिनि-बाग, मिनी-वन, नर्सरी और प्रदर्शन मण्डपों का परिदर्शन किया और वन एवं पर्यावरण विभाग, ओड़िशा सरकार के तत्वावधान के अन्तर्गत संचालित प्रदर्शनी के आयोजक आर.पी.आर.सी. के प्रयासों की सराहना की। नालको इस पुष्प-प्रदर्शनी के साथ वर्षों से प्रायोजक के रूप में जुड़ा रहा है, जो गत 1988 से आरम्भ हुई थी।
“प्रतिभागियों और दर्शकों की बढ़ती हुई संख्या के द्वारा विकसित होनेवाली यह प्रदर्शनी आम जनता में बड़ी लोकप्रिय हो गई है। अब समय आ गया है कि राज्य स्तर से आगे बढ़कर राष्ट्रीय-स्तर पर आयोजन हों और एक निगम नागरिक के रूप में नालको, हर समर्थन प्रदान करने के लिए प्रस्तुत है।” श्री चान्द से सारांश में कहा।
वनस्पति प्रेमी संघ, भुवनेश्वर के सहयोग से आर.पी.आर.सी. इस वार्षिक पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन करता है। इस अवसर पर श्री सुशान्त नन्द, बागवानी निदेशक, श्री क्षीरोद पटनायक, अध्यक्ष, वनस्पति प्रेमी संघ और आर.पी.आर.सी. के अन्य अधिकारी उल्लेखनीय रूप से उपस्थित थे।