अपडेट
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  • EOI for Aluminium Smelting Technology Licensors for NALCO’s Brownfield Aluminium Smelter Expansion 28/08/2025     |     
  • 100 दिन का अभियान- “सक्षम निवेशक-21.08.2025 21/08/2025     |     
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  • 100 दिन का अभियान- “सक्षम निवेशक” 14/08/2025     |     
  • भौतिक शेयरों के हस्तांतरण अनुरोधों को पुनः दाखिल करने के लिए विशेष व्यवस्था 07/07/2025     |     
  • MoU 2024-25 04/01/2025     |     
  • Notice Inviting Expression Of Interest (EOI) – Slitting & Rewinding of Aluminium Coils with Installing of Slitting Line Machine on Build Own and Operate Basis 18/09/2024     |     
  • निवेशक सेवा मेनू के तहत टीडीएस प्रमाणपत्र डाउनलोड करें 17/05/2024     |     
  • Expression of Interest for Commercialization of R&D Processes 15/04/2024     |     
  • भौतिक फोलियो का केवाईसी अद्यतनीकरण 25/03/2024     |     
  • MOU Scheme for Sale of Aluminium Metal – 2024-25 13/03/2024     |     
  • MOU Scheme for Sale of Aluminium Rolled Products – 2024-25 13/03/2024     |     
  • Declaration and fixation of Record date for 2nd Interim Dividend for the Financial Year 2023-24 16/02/2024     |     
  • आईसीटी-आईओसी का प्रथम स्थापना दिवस

    आईसीटी-आईओसी का प्रथम स्थापना दिवस

    calender21/03/2019
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    भुवनेश्वर, 21st मार्च 2019: रसायन उद्योग आगामी 5 वर्षों में 20 लाख रोजगार सृजित करने में सक्षम है – आईसीटी, भुवनेश्वर को राज्य में रसायन उदयोग के विकास पर बल देना होगा। — नालको के अध्यक्ष-सह-प्रबंध-निदेशक डॉ तपन कुमार चान्द

    “उद्योगों की आवश्यकता विविध और गतिशील है। सर्वोत्तम व्यवसाय करने के लिए उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल-व्यवस्थाओं की भी आवश्यकता है। यदि वैश्विक मानकों के अनुरूप भारत को विकास की तेज गति बनाए रखना है तो उद्योग तथा शैक्षिक संस्थानों – दोनों को परस्पर सहयोग करने की जरूरत है।“ इंडियन ऑयल ओड़िशा कैम्पस, भुवनेश्वर में इंस्टीच्युट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (आई.सी.टी.) के प्रथम स्थापना दिवस पर सभा को संबोधित करते हुए डॉ चान्द ने कहा।

    भुवनेश्वर में इंस्टीच्युट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी की संस्थापना का स्वागत करते हुए डॉ चान्द ने कहा कि यह संस्थान पाठ्यक्रम, औद्योगिक प्रस्तुति, अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्रों में उद्योगों एवं शैक्षिक संस्थानों के बीच के अंतर को पाटने के लिए एक छत के नीचे उद्योगों एवं शिक्षाविदों के लिए वांछित प्लेटफार्म प्रदान करेगा तथा युवा व्यवसायियों को “उद्योग-4.0” के लिए तैयार करने हेतु उनके कौशल को उन्नत करने में सहायता करेगा।

    डॉ चान्द ने कहा कि भारतीय रसायन उद्योग का एक बड़ा तथा प्रगतिशील देशीय बाजार है तथा अन्य उद्योगों द्वारा निवेश के रूप में प्रयुक्त 80000 से अधिक उत्पादों के साथ, रसायन उद्योग का बाजार का आकार 165 बिलियन डॉलर के आसपास है, जिसके आगामी 5 वर्षों में दुगना होने की आशा है।

    उद्योगों के लिए वांछित पारिस्थितिकी तंत्र के साथ निवेश के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में ओड़िशा के उभरने तथा इंस्टीच्युट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी जैसे प्रीमियर संस्थान के आने के साथ, नालको के द्वारा ₹3000 करोड़ से अधिक निवेश से ओड़िशा के पारादीप में अपने द्वितीय कास्टिक सोड़ा संयंत्र को स्थापित करने का जो निर्णय लिया है, वह समयानुकूल है। मैं आशा करता हूँ कि इसके पूर्व गुजरात में स्थापित किए गए कंपनी के पहले कास्टिक सोड़ा संयंत्र, जो अगले वर्ष से चालू होगा, उससे नालको को ₹120 करोड़ का वार्षिक लाभ हो सकेगा।”

    डॉ. चान्द ने आशा जताते हुए कहा कि राज्य के प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग के लिए देश के इस भाग में अंतर्राष्ट्रीय मान्यताप्राप्त संस्थानों की स्थापना होने के साथ विकास एवं क्रियान्वयन में प्रयोग हेतु उद्योगों में वैश्विक अभिज्ञान एवं समय पर सूचना के प्रसार हेतु आगामी भविष्य में रसायन उद्योगों के एक हब के रूप में विशेष रूप से उभर रहा ओड़िशा आमतौर पर पूर्वी भारत में निश्चित रूप से अग्रणी भूमिका निभाएगा। डॉ. चान्द ने आगे बल देते हुए कहा कि रसायन उद्योग मध्यम, लघु क्षेत्र के उद्यमों की उन्नति एवं विकास में बहुत योगदान कर रहा है तथा युवाओं को बड़े पैमाने में रोजगार प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

    इस अवसर पर अन्य उपस्थित महानुभावों में श्री आदित्य प्रसाद पाढ़ी (मुख्य सचिव एवं मुख्य विकास आयुक्त, ओड़िशा सरकार), प्रोफेसर जी.डी. यादव (कुलपति, आईसीटी), प्रोफेसर दामोदर आचार्य (नालको के स्वतंत्र निदेशक) तथा प्रोफेसर बी.एन. थोराट (निदेशक आईसीटी-आईओसी, भुवनेश्वर) आदि प्रमुख हैं।

    उल्लेखनीय है कि भुवनेश्वर में मुख्यालय के साथ नालको विश्व में एल्यूमिना तथा बॉक्साइट दोनों के न्यूनतम लागत उत्पादक के रूप में वैश्विक बेंचमार्क के साथ एक सबसे बड़ा रसायन प्रसंस्करण उद्योग है, जो देशीय रूप से विकसित उद्योग द्वारा उपलब्ध उत्कृष्टता को प्रदर्शित कर रहा है।