भुवनेश्वर, 07 जनवरी 2025: प्रख्यात विद्वान, आध्यात्मिक विचारक और लेखक डॉ. चंद्र भानु सत्पथी ने आज यहां ‘नैतिक निगम प्रबंधन’ विषय पर 22वें नालको स्थापना दिवस व्याख्यानमाला के अवसर पर अपना व्यक्तव्य से सम्बोधित किया।
45वें स्थापना दिवस के भाग के रूप में, नेशनल एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (नालको) ने नालको स्थापना दिवस व्याख्यानमाला के 22वें संस्करण का आयोजन किया।
अपने संबोधन में, डॉ. सतपथी ने पेशेवर और साथ ही व्यक्तिगत जीवन से अनैतिक प्रथाओं के पूर्ण उन्मूलन पर जोर देते हुए अपने विचार और ज्ञान साझा किए। उन्होंने जोर देकर कहा कि ईमानदारी, जवाबदेही और पारदर्शिता संधारणीय कंपनी प्रथाओं की आधारशिला हैं, जो नैतिक निगम प्रबंधन पर आधारित हैं। उन्होंने कहा, “इसमें नैतिक मूल्यों का समर्थन करने वाले विकल्पों को यह सुनिश्चित करते हुए चुनना शामिल है कि सभी गतिविधियाँ सामाजिक, कानूनी और पर्यावरणीय दायित्वों के अनुरूप हों”।
सामुदायिक विकास और सामाजिक कल्याण में नालको की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि कंपनी की विरासत न केवल व्यवसाय में बल्कि सामाजिक क्षेत्रों में भी व्यापक रूप से स्वीकार की जाती है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में श्री रमेश चंद्र जोशी, निदेशक (वित्त), नालको ने स्वागत भाषण के साथ विषय से परिचय कराया। नालको समूह की ओर से डॉ. तापस कुमार पटनायक, निदेशक (मा॰सं॰), नालको ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर पद्म विभूषण पंडित हरिप्रसाद चौरसिया के शिष्यों द्वारा शास्त्रीय सह भक्तिमय बासुरी वादन भी प्रस्तुत किया गया। कर्मचारियों के साथ ही इस कार्यक्रम में उद्योग जगत के वरिष्ठ अधिकारियों, सरकारी अधिकारियों तथा शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। श्री आशुतोष रथ, कार्यपालक निदेशक (मा॰सं॰) ने कार्यक्रम का संचालन किया।
उल्लेखनीय है कि नालको वर्ष 2002 से व्याख्यानमाला का आयोजन कर रहा है, जो ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करता है तथा कंपनी और इसके व्यापक समुदाय के भीतर सीखने और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देता है।