क्रय प्रबंधन में शामिल कर्मचारियों के वृत्तिक विकास एवं अभिवृद्धि के उद्देश्य से विश्व बैंक ने सार्वजनिक क्रय प्रमाणपत्र कार्यक्रम एवं संविदा प्रबंधन प्रमाणपत्र कार्यक्रम का विकास किया है। यह निःशुल्क प्रदान किया जाने वाला अबतक का प्रथम वृहद मुक्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम (वृ.मु.ऑ.पा) है।एक संस्था के रूप में नालको ने अपने कर्मचारियों को विश्व बैंक के सार्वजनिक क्रय प्रमाणपत्र कार्यक्रम एवं संविदा प्रबंधन प्रमाणपत्र कार्यक्रम हेतु प्रोत्साहित किया है।इन कार्यक्रमों द्वारा प्रतिभागी सार्वजनिक क्रय एवं संविदा प्रबंधन के विषय में समुचित समझ प्राप्त करने में सक्षम होते हैं।
नालको के निगम सतर्कता विभाग द्वारा इस पाठ्यसामग्री की जांच की गई और पाया गया कि यह उपयुक्त है।इस क्रम में शिकायतों एवं सूचना स्त्रोत की जाँच में पाया गया कि, सार्वजनिक क्रय, संविदा प्रबंधन के प्रक्रिया की अज्ञानता एवं इन दोनों क्षेत्रों से संबंधित सरकारी निर्देशों के प्रति जागरूकता के कमी की वजह से ही अमूमन चूक व अतिक्रमण घटित हुई है।मु.स.अ ने पाया कि,सीपीपीपी व सीपीसीएम क्रय,संविदा एवं अन्य संबंधित गतिविधियों में कार्य कर रहे कर्मचारियों को सार्वजनिक क्रय, संविदा प्रबंधन की प्रक्रिया एवं संबंधित सरकारी दिशानिर्देशों के अनुपालन की समझ प्रदान करते हैं।
उम्मीदवारों को कार्यालय अवधि के पश्चात इन पाठ्यक्रमों हेतु तैयारी करने एवं परीक्षा लिखने के लिए कार्यालय द्वारा सुविधा भी प्रदान की गई।इकाई प्रमुख द्वारा संबंधित प्रगति की निगरानी एवं निगम सतर्कता विभाग द्वारा व्यक्ति विशेष द्वारा किये जा रहे प्रयास की टोह की जा रही थी।
नालको में ई-लर्नींग वातावरण की सुविधा तथा सृजन करने के लिए, निगम सतर्कता विभाग ने (मा.सं., वित्त, क्रय, परियोजना, नैतिकता के क्षेत्र में) कुछ महत्वपूर्ण और आजीविका संबंधित ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का चयन कर निगम सीस्टम विभाग के साथ “नालको लर्नींग पोर्टल” नामक वेब पोर्टल विकसित किया। नालको के अध्यक्ष एवं प्रबंधक निदेशक द्वारा सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2017 के अवसर पर इस वेब पोर्टल उद्घाटन किया गया। विभिन्न एककों के कर्मचारियों ने इस वेबसाइट के माध्यम से विभिन्न पाठ्यक्रम हेतु पंजीकरण किया
सरकारी तंत्र में सतर्कता प्रशासन पर सामान्य अधीक्षण का प्रयोग करने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग एक शीर्ष निकाय है।भ्रष्टाचार से निबटने के लिए सांस्थानिक संरचना को समय के साथ सुदृढ़ एवं कानूनी संरचना को विकसित किया गया है।
आयोग ने अपनी भूमिका में बदलाव करने की आवश्यकता का अनुभव किया है, जिससे यह संगठन के लिए अधिक विचारशील, संप्रेषणीय और पोषक हो.। कार्यान्वयन की दृष्टि से, ऐसी रणनीति को अपना आयोग की वैचारिक अपिरहार्यता है जिससे अधिशासन को अधिक पारदर्शी,जबावदेह एवं प्रभावी बनाना सुनिश्चित किया जाए। जो लोक उद्यम आंतरिक और वाह्य पणधारकों के लिए सरकार के बेंच मार्क पर आधारित ऐसा उपकरण एक सत्यनिष्ठा सूचकांक है। जिससे संघारणीयता,लाभ-प्रदता,सुशासन, पारदर्शिता घनिष्ठ रूप से सतत संदर्भ में संयुक्त हैं एवं लोक उद्यम को श्रेष्ठता हासिल करने में सहयोगी भी होते हैं।तदनुसार केसआ ने पारदर्शिता, जवाबदेही, और सक्षम शासन सुनिश्चित करने के लिए सत्यनिष्ठा सूचकांक मापन हेतु एक उपकरण का विकास करने का निर्णय किया है
आयोग ने सत्यनिष्ठा सूचकांक के विकास हेतु भारतीय प्रबंधन संस्थान,अहमदाबाद को एक सलाहकार के रूप में नियुक्ति किया है। इसने चयनित 25 लोक उद्यम और केन्द्रीय सरकार विभाग को सत्यनिष्ठा सूचकांक में शामिल किया है। नालको इन चयनित लोक उद्यमों में से एक है।
सत्यनिष्ठा बोध – 10%
वातावरण सक्षमता– 10%
अनुपालन – 10%
पारदर्शिता – 10%
कार्य निष्पादन – 10%
प्रमुख प्रक्रिया प्रबंधन – 50%
उच्च अखंडता के साथ एक संगठन के लिए अधिकार, जिम्मेदारी, जवाबदेही और कर्तव्यों पृथक्करण, विभिन्न पणधारकों के लिए संचार की लाइनें, स्वतंत्र सतर्कता संगठन के साथ एक संरचना करने की आशा की जाती है। विपणन, क्रय, संविदा, नि.सा.उ., लेखा परीक्षा, शिकायत निवारण करना आदि प्रमुख प्रक्रियाएं हैं।
प्रक्रियाएं संगठन को संचालित करती हैं। अच्छी तरह से अभिकल्पित और जाँच की गई प्रक्रियाएं कुप्रथा और भ्रष्टाचार के मार्ग का निवारण कर सकती हैं। सत्यनिष्ठा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए, प्रक्रियाओं को न्यूनतम विचार, सू.प्रौ. सक्षमता युक्त पारदर्शी होना चाहिए.
संगठन के स्थायित्व के लिए उपभोक्ता के विचारधारा की समझ अतिमहत्वपूर्ण है। विक्रेता व्यवसाय के प्रमुख सहयोगी होते है । विक्रेताओं के आपसी संवाद से भ्रष्ट कार्यप्रणाली के पूरक हैं, अतः विक्रेता प्रणाली की कर्मचारियों द्वारा निरंतर निगरानी आवश्यक है। कर्मचारी ही संस्था की रीढ़ होते हैं।संस्था की सत्यनिष्ठा के प्रति उनका नजरिया ही उनके कृत्य को संचालित करता है। समरूपतः संस्था के प्रति सरकार, सांविधिक प्राधिकरण एवं समाज का नजरिया संस्थान के महत्त्व का परिचायक होता है।
मापांक के विकास के बाद, विभिन्न संगठनों की सत्यनिष्ठा सूचकांक का सावधिक मूल्यांकन होगा। उच्च सत्यनिष्ठा प्राप्त संगठन अनुपातिक तौर पर संसाधित रूप से अधिक निर्भर है, जो निर्णय क्षमता, पणधारकों का अधिक विश्वसनीय एवं वैधानिक व कानूनी अनुपालन में भी स्वचलित उच्च मानकता के साथ न्यूनतम वैयक्तिक हस्तक्षेप युक्त है।एक संगठन को सत्यनिष्ठा सूचकांक के अपने प्राप्तांक के आधार पर आंका जाएगा जो भविष्य के विकास और सुचारू व्यवसाय को निर्धारित करेगा। उच्च सूचकांक प्राप्त कंपनी आसानी से विदेशी संस्थागत निवेशकों, विक्रेता द्वारा लंबी अवधि के ऋण, उत्कृष्ट श्रम शक्ति आदि को आकर्षित कर सकती है।
नालको प्रबंधन ने सचेतक नीति प्रारंभ की है जो नालको के सतर्कता वेबसाइट पर अपलोड भी है। कंपनी की आचार संहिता और नैतिकता का पोषण करते हुए सचेतक नीति को इंट्रानेट संचार प्रणाली के माध्यम से आंतरिक रूप से और नालको वेबसाइट द्वारा वाह्य तौर पर सभी कर्मचारियों को उपलब्ध कराया गया है जो विशेषतः सत्यसत्यनिष्ठा परक व्यवसाय को सुनिश्चित करती है। यह नीति कंपनी में लागू नियमों एवं कंपनी के सदाचार व नैतिकता के संदिग्ध उल्लंघन की भी जानकारी कंपनी प्राधिकारी को प्रदान किये जाने हेतु प्रत्येक कर्मी को प्रेत्साहित करेती है।।
भ्रष्टाचार के विरूद्ध कुशल संगठन नेतृत्व के प्रति विक्रेता बैठक, सतर्कता जागरूकता सप्ताह, कर्मचारियों समेत कंपनी के निदेशकों, विक्रेताओं, ठेकेदारों की संपूर्ण प्रतिबद्धता के विभिन्न कार्यों में सत्यनिष्ठा शपथ को कार्यान्वित किया गया है।साथ ही नालको परिवार के सदस्यों तक भी सत्यनिष्ठा सपथ के विस्तार का कार्यान्वयन किया गया है।इसके अतिरिक्त, भ्रष्टाचार के विरूद्ध समर्पण प्रदर्शित करते हुए नालको विद्यालय के छात्रों द्वारा भी शपथ अपनाया गया। नालको ने इ-सत्यनिष्ठा शपथ और भौतिक सत्यनिष्ठा शपथ के विभिन्न गतिविधि में शामिल हो कर ओड़िशा के भूवनेश्वर, कटक, अनुगुळ और दामनजोड़ी के विभिन्न स्कूल और महाविद्यालय में सत्यनिष्ठा शपथ का प्रबंधन किया है जहाँ 30,000 से अधिक छात्रों ने सत्यनिष्ठा शपथ ली ।.
अनैतिक कार्यव्यवहार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से 4 करोड़ से अधिक के संविदा मूल्यों हेतु नालको द्वारा सार्वजनिक क्रय को पारदर्शी बनाते हुए ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा विकसित उपकरण सत्यनिष्ठा संधि में नैतिक सदाचार में दोनों पक्षों (क्रेता एवं विक्रेता) को शामिल किया जाना ,संस्था के समर्पण को प्रदर्शित करता है। वर्तमान में 4 करोड़ एवं उससे अधिक मूल्य के 100% क्रय सत्यनिष्ठा संधि के अंतर्गत शामिल हैं।एम.ओ.डी. के दिशानिर्देश के अनुसार, वर्तमान कवरेज वांछित वर्ग को छोड़कर कुल क्रय का लगभग 85 प्रतिशत है।
प्रणाली,प्रक्रिया के संबंध में जागरूक करते हुए विभिन्न स्तरों के अधिकारियों को प्रभावी कार्यनिष्पादन हेतु निगम सतर्कता द्वारा प्रशिक्षित किया गया।
बड़े पैमाने पर जन/नागरिकों के सहभागिता एवं जागरूकता हेतु, केन्द्रीय सतर्कता आयोग द्वारा सत्यनिष्ठा शपथ की परिकल्र्पना की गई। इस सत्यनिष्ठा शपथ की परिकल्पना का उद्देश्य भ्रष्टाचार के रोकथाम एवं प्रतिरोध में नागरिकों को प्रतिबद्ध करना एवं इसके विरूद्ध सहयोगिता विकसित करना है।नागरिकों द्वारा व्यक्तिगत रूप से ली जाने वाली सत्यनिष्ठा शपथ भ्रष्टाचार उन्मूलन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता एवं नैतिक सदाचार, पारदर्शिता एवं सुशासन के प्रति उनके उच्च मानक की अभिपुष्टि करता है।वृहद सहभागिता सुनिश्चित हेतु वेबसाइटhttps://pledge.cvc.nic.in पर भी ई-शपथ उपलब्ध करवाया गया है।
सत्यनिष्ठा, ईमानदार और सुशासन को बढ़ावा देते हुए, नालको ने भुवनेश्वर और कटक के विभिन्न स्कूल और महाविद्यालयों में पहुँच गतिविधि के जरिए ई-शपथ अभियान चलाया है। नालको “स्वच्छ भारत” और “भ्रष्टाचार मुक्त भारत”. ध्येय के पूर्ण प्रयास के साथ ऐसी गतिविधियों का आयोजन कर रहा है।
उपर्युक्त गतिविधियाँ उत्कल विश्वविद्यालय, साई इंटरनेशनल स्कूल, सोआ विश्वविद्यालय, जैभियर इनस्टूयूट ऑफ मेनेजमेंट और सिलिकन इनस्टीयूट ऑफ टेक्नोलोजी, बाल उच्च विद्यालय (यूनिट-8) में अबतक 1600 संख्या के प्रतिभागियों के साथ आयोजित की गई ।भुवनेश्वर और कटक समीपवर्ती क्षेत्रों के विद्यालय एवं महाविद्यालयों में भी इस प्रकार के अन्य गतिविधियों के आयोजन की भी योजना है।
नालको में कार्यान्वित सुधारपरक कुछ बेहतर कार्यप्रणाली / प्रणाली अध्ययन निम्नवत है
निम्नलिखित सतर्कता गतिविधियों को नियमित रूप जांच की तरह प्रस्तुत किया गया है
(केसआ दिशा निर्देश के अनुसार आदेश/संविदाओं के मूल्यों जांच की जाती है।)
सामग्री, कार्य और सेवाओं के लिए दिशानिर्देशों का सारांश – एक हस्त पुस्तिका
नालको सतर्कता विभाग ने नीतियों का अनुपालन, पारदर्शिता व समानता का सुनिश्चयन करने व संगठन में संबंधित मामलों का प्रभावकारी निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए, मानव संसाधन एवं निविदा व संविदा गतिविधियों का कार्य करने वाले संबंधित अधिकारियों को सशक्त करते हुए “सामग्री, कार्य और सेवाओं के लिए दिशानिर्देशों का सारांश – एक हस्त पुस्तिका” के नाम से सार्वजनिक प्रापण प्रक्रियाओं से संबंधित विभिन्न दिशानिर्देशों का संकलन किया है।
इस संग्रह में, संबंधित नियम/नीतियाँ/प्रक्रिया को के.स.आ. के परिपत्र, प्रापण कार्य नियमावली 2019 के संदर्भ एवं सरकार तथा विनियामक प्राधिकरणों द्वारा जारी विभिन्न दिशानिर्देशों के अंतर्गत विभिन्न समूहों में वर्गीकृत किया गया है। विभिन्न प्रकार के निविदा एवं संविदा कार्य करने वाले संबंधित कर्मचारी / अधिकारी के लिए यह पुस्तिका / संग्रह लाभदायक है।