भुवनेश्वर, 12/10/2015: नेशनल एल्यूमिनियम कम्पनी लिमिटेड (नालको) द्वारा कोरापुट जिले के 655 आदिवासी बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने के लिए की गई पहलकदमी के लिए विभिन्न मंचों पर भारी प्रशंसा की गई है। हाल ही में, प्राथमिक शिक्षा संवर्ग के अन्तर्गत इस पहल के लिए कम्पनी को ओ.टी.वी. सी.एस.आर. पुरस्कार मिला।
यह उल्लेखनीय है कि नालको अपने प्रचालनों के आरम्भ से ही, अपने संयंत्रों के परिधीय क्षेत्रों में रहनेवाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए महत्व देती आई है। इस सम्बन्ध में, कम्पनी ने दामनजोड़ी और अनुगुळ में दो ओड़िआ-माध्यम के (सरस्वती विद्या मन्दिर) और दो अंग्रेजी-माध्यम के (दिल्ली पब्लिक स्कूल) – चार स्कूल संस्थापित किए हैं। इन स्कूलों में वित्तीय सहायताप्राप्त दरों पर नालको कर्मचारियों के बच्चों के साथ ही अन्य बच्चे भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ उठाते हैं।
एक कदम और आगे बढ़ते हुए, कम्पनी की नि.सा.उ. भुजा नालको फाउण्डेशन ने इसके खान एवं परिशोधन संकुल के आसपास के 5 आदिवासी गाँवों में सुधारात्मक स्कूल संचालित किए हैं। इन स्कूलों ने पढ़ाई छोड़ चुके 224 बच्चों को औपचारिक शिक्षा प्रणाली में फिर से भर्ती करने के लिए प्रस्तुत किया है। तत्पश्चात्, अपनी एक और प्रमुख परियोजना के रूप में, नालको फाउण्डेशन ने कोरापुट में दामनजोड़ी क्षेत्र के आदिवासी-बहुल और माओवादी-पीड़ित परिधीय गाँवों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध आवासीय शिक्षा संस्थानों के साथ मिलकर सहयोग किया। कम्पनी ने अब तक सुधारात्मक स्कूलों से 224 बच्चों सहित 18 परिधीय गाँवों के 655 बच्चों को आवासीय शिक्षा के लिए प्रायोजित किया है। इस फाउण्डेशन द्वारा की गई वित्त व्यवस्था में भुवनेश्वर (कलिंग इन्स्टीच्यूट ऑफ सोसियल साईन्सेस) और कोरापुट (कोरापुट विकास फाउण्डेशन मॉडल स्कूल और विकास विद्यालय) में 3 आवासीय स्कूलों में इन विद्यार्थियों के अध्ययन, आवास और भोजन की सभी लागत शामिल हैं। नामांकित विद्यार्थियों के लिए आवासीय शिक्षा के लिए वित्त व्यवस्था की योजना उनके स्कूली शिक्षा पूरी करने तक की बनाई गई है।