2013-14 में सूक्ष्म और लघु उद्योग एककों को ₹294 करोड़ के क्रयादेश जारी किए गए।
भुवनेश्वर, 25/08/2014: नेशनल एल्यूमिनियम कम्पनी लि॰ (नालको), भारत सरकार का एक नवरत्ऩ सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम ने आज भुवनेश्वर में 19वीं संयंत्र स्तरीय सलाहकार समिति (पीएलएसी) की बैठक आयोजित की। बैठक अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक श्री अंशुमान दास की अध्यक्षता में हुई। श्री पंचानन दाश, सचिव, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग, ओड़िशा सरकार, श्री शरत चन्द्र नाइक, विशेष सचिव ओड़िशा, उद्योग विभाग, श्री नित्यानन्द पलाई, आई॰ए॰एस॰, उद्योग निदेशक, ओड़िशा सरकार और सुश्री सोमा मण्डल, निदेशक (वाणिज्य), नालको इस अवसर पर उल्लेखनीय रूप से उपस्थित थे और उन्होंने राज्य के विभिन्न सूक्ष्म एवं लघु स्तर के साथ साथ सहायक उद्योगों के सदस्यों तथा प्रतिनिधियों के साथ परिचर्चा की।
आरम्भ में, अपने स्वागत भाषण में, सुश्री सोमा मण्डल, निदेशक (वाणिज्य) ने स्थानीय सूक्ष्म और लघु उद्योगों के हितों को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक मातृ-उद्योग के रूप में नालको की चिन्ता पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर अपने भाषण में, श्री अंशुमान दास, अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक, नालको ने कहा कि वैश्वीकरण के सन्दर्भ में यह स्पष्ट है कि सूक्ष्म, लघु उद्योगों को गुणवत्ता अनुरक्षण, लागत प्रतियोगितात्मकता और तकनीकी उन्नयन पर अधिक बल देना होगा। “इसके अतिरिक्त नालको सूक्ष्म व लघु उद्योगों को हर सम्भवन सहायता प्रदान करने के लिए सर्वदा उत्सुक रही है”, श्री दास ने आगे कहा। उन्होंने यह भी कहा कि नालको और सूक्ष्म व लघु उद्योग एककों द्वारा उठाए गए ठोस प्रयासों से सम्बन्धित सरकारी संस्थाओं के आवश्यक समर्थन से नालको और सूक्ष्म एवं लघु उद्योग एककों के बीच कारोबार के प्रवाह को ऊँचा उठाने में मदद मिली है। अनुगुळ में निर्मित हो रहे एल्यूमिनियम पार्क पर अपने विचार प्रकट करते हुए, श्री दास ने कहा कि इससे अनुप्रवाह और सहायक उद्योगों को प्रोत्साहन मिलने की आशा है। नालको ने संयुक्त उद्यम कंपनी को 50,000 टन प्रतिवर्ष तप्त धातु की आपूर्ति का वचन दिया है। ओड़िशा आधारित उद्योगों को इसका लाभ उठाना चाहिए।
इस अवसर पर बोलते हुए, श्री पंचानन दाश ने सभी जिला उद्योग केन्द्रों (डीआईसीज) को नालको और सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के मध्य सरलीकृत करनेवाले के रूप में अधिक सक्रिय बनना चाहिए। इसीप्रकार अन्य महानुभावों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए एक मातृ-उद्योग के रूप में नालको की भूमिका की सराहना की और राज्य में सहायक और सूक्ष्म एवं लघु उद्योग एककों को प्रोत्साहित करने की दिशा में कम्पनी की कार्यकारिता पर सन्तोष व्यक्त किया। इस अवसर पर नालको के प्रद्रावक एवं विद्युत संकुल द्वारा “सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के लिए के उत्पादों के विवरण” नामक पुस्तका प्रकाशित की गई जिसका विमोचन किया गया। बैठक के दौरान, जबकि श्री बी॰ महान्ति, महाप्रबन्धक, डीआईसी, भुवनेश्वर ने समग्र क्रय सांख्यिकी का विवरण पढ़ा, श्री बी.के. दाश, अपर निदेशक, डीआईसी, कटक ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
बैठक के दौरान, सहायक उद्योग एककों को क्रयादेश जारी करने की पद्धति का ब्यौरा स्पष्ट करते हुए नालको अधिकारियों के द्वारा उपस्थापन पेश किए गए। सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों/सहायक उद्योगों से खरीदे जाने के लिए चिह्नित सामान के विवरण भी दिए गए। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि नालको ने राज्य के 57 सूक्ष्म एवं लघु उद्यों को सहायक उद्योग की पदवी दी है।
संयंत्र स्तरीय सलाहकार समिति के सदस्यों, ओड़िशा लघु उद्योग निगम, उद्योग निदेशालय, निर्यात प्रवर्धन एवं विपणन (ईपी एवं एम) के साथ साथ ओड़िशा लघु उद्योग संघ, ओड़िशा युवा उद्यमी संघ, ओड़िशा लघु एवं मध्यम उद्योग एसेम्बली, उत्कल चैम्बर ऑफ कॉमर्स एवं इण्डस्ट्रिज के प्रतिनिधियों सहित अन्य महानुभाव इस अवसर पर उपस्थित थे।