भुवनेश्वर, 19.07.19: नालको की उत्कृष्टता यात्रा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए नवरत्न लोक उद्यम ने उत्पादन और सेवा प्रदान में प्रतिस्पर्धा में सुधार करने के लिए प्रौद्योगिकी संचालित नए उद्यमों (स्टार्ट-अप कंपनियों का सहयोग करके उनको विकसित करने के उद्देश्य से उत्कर्ष केंद्र की स्थापना के लिए एनआईटी, राउरकेला और एनआईटी राऊरकेला के भूतपूर्व छात्र संघ (नित्रा) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
3 भागीदारों अर्थात एल्यूमिनियम प्रमुख कंपनी नालको, प्रमुख संस्थान तथा आईआईटी, आईसीटी एवं डीएसटी द्वारा समर्थित एनआईटी राउरकेला और नित्रा के बीच साझेदारी का उद्देश्य मूल एवं सक्षम-बनानेवाली प्रौद्योगिकी के दोनों क्षेत्रों में अनुसंधान संस्थानों और विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग द्वारा ज्ञान के आदान-प्रदान के वातावरण को प्रोत्साहित करना और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है।
यह उष्मायन केंद्र गोठपाटणा, भुवनेश्वर में स्थित नालको के अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र मेंअवस्थित होगा, जहाँ एल्यूमिनियम क्षेत्र के हितार्थ विश्व स्तरीय वृहद एल्यूमिनियम अनुसंधान सुविधा विकसित की जा रही है।
डॉ. के. राजेश्वर राव, आई.ए.एस., अपर सचिव, खान मंत्रालय ने एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए 3 भागीदारों की इस नई पहल तथा आग्रह की प्रशंसा की है, जो नए विचारों और नवाचार अभ्यासों को प्रोत्साहित करेगी।
इस अवसर पर, नालको ने कंपनी के 50 कर्मचारियों को ‘उत्कृष्टता पुरस्कार’ से पुरस्कृत किया, जिसका उद्देश्य कार्यस्थल पर उच्च प्रदर्शन, व्यावसायिकता और उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देना है।
डॉ. चान्द ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि “कर्मचारियों के कठिन परिश्रम और समर्पण भाव से उत्पादन, उत्पादकता और लाभप्रदता के सभी मोर्चों पर उच्चा प्रतिफल मिल रहा है।”