भुवनेश्वर, 13.11.2015: उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों से भरपूर, ओड़िशा और इसकी राजधानी भुवनेश्वर एक शिक्षा एवं ज्ञान-केन्द्र के रूप में तेजी से उभर रहा है। स्वर्णिम त्रिभुज के शिखर पर अवस्थित, भुवनेश्वर अपने प्रदूषण मुक्त वातावरण एवं समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के साथ सुप्रसिद्ध शिक्षा संस्थानों को यहाँ अपनी संस्थापनाओं की स्थापना के लिए आकर्षित करता रहा है।
भुवनेश्वर में अपने मुख्यालय के साथ, ओड़िशा स्थित नवरत्न कम्पनी नालको की, इस स्थान की शिक्षा सम्भावनाओं को प्रवर्धित करने की व्यापक योजना है और ओड़िशा के प्रमुख शिक्षण संस्थानों को भूमण्डलीय मानदण्डों पर आगे बढ़ाने के लिए एक रूपरेखा विकसित कर रही है।
इस योजना के अन्तर्गत, नालको का शीर्ष प्रबन्धन, भुवनेश्वर से आरम्भ करके, चुने गए प्रमुख संस्थानों के साथ पारस्परिक सहक्रिया करेगा, और आपसी सहयोग एवं सहकार्य के क्षेत्रों को चिह्नित करेगा।
“वस्तुतः, हम प्रो॰ आर.व्ही॰ राजकुमार, निदेशक और प्रो॰ पी.के.जे. महापात्र, आई॰आई॰टी॰, भुवनेश्वर के साथ पारस्परिक हित के समसामयिक विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श कर चुके हैं। आई॰आई॰टी॰ विनिमय कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए और अनुसन्धान गतिविधियों, ऊष्मायन केन्द्रों और ज्ञान-पार्कों की स्थापना पर ध्यान-केन्द्रित करने हेतु नालको के साथ एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने हेतु इच्छुक है, जिसके फलस्वरूप युवाओं की नियोजन-क्षमता और राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय रंगभूमि में ओड़िशा की प्रत्यक्षता बढ़ेगी” – श्री तपन कुमार चान्द, कम्पनी के अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक ने सूचित किया।
अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक, नालको श्री तपन कुमार चान्द, सहयोग एवं सहकार्य के तरीकों और माध्यमों पर विद्यार्थियों और संकाय प्राध्यापकों के साथ पारस्परिक सहचर्चा हेतु आई.आई.टी. भुवनेश्वर, एक्स.आई.एम.बी., के.आई.एस.एस. एवं के.आई.आई.टी. तथा आई.एम.आई.एस. कैम्पस का परिदर्शन करेंगे। “विभिन्न अध्ययन-दलों के सदस्य बनने के लिए चिह्नित संस्थानों को आमन्त्रित करने की नालको की योजना है, जिससे विश्व-श्रेणी की खानों और उद्योगों का व्यावसायिक परिदर्शन किया जा सके” श्री चान्द ने आगे कहा।