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नालको ने 16वाँ राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया

calender12/05/2014

भुवनेश्वर, 12/05/2014:  16वें राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के उपलक्ष्य में, नेशनल एल्यूमिनियम कम्पनी लिमिटेड (नालको) ने अपने निगम कार्यालय आज “भारत के सशक्तीकरण के लिए प्रौद्योगिकी” विषय पर एक व्याख्यान आयोजित किया। जबकि डॉ॰ अनूप कुमार पुजारी, आई॰ए॰एस॰, सचिव, भारत सरकार, खान मंत्रालय ने मुख्य अतिथि के रूप में समारोह की शोभा बढ़ाई, पद्म विभूषण डॉ॰ अनिल काकोडकर, डी.ए.ई. होमी भाभा मुख्य प्रोफेसर और सदस्य – परमाणु ऊर्जा आयोग ने मुख्य वक्ता के रूप में योग दिया। अपने भाषण में, उन्होंने शिक्षण संस्थानों और इन कार्यक्षेत्रों में विद्यार्थियों की रुचि पर आधारित शिक्षा का महत्त्व प्रतिपादित किया। विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवीकरण (एस.टी.आई.) के लिए स्थान पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने विशाल भूमण्डलीय अर्थव्यवस्था के साथ भारत के एस.टी.आई. के संयोग के लिए अभिगम के उद्देश्य का वर्णन किया। उन्होंने आगे बी.ए.आर.सी. की गतिविधियों के उदाहरण देते हुए प्रौद्योगिकीय निर्गम को ग्रामीण क्षेत्रों से जोड़ने पर प्रकाश डाला। निम्न क्षेत्रों के लिए देश में कुछ महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी की आवश्यकताएँ है: पीने का साफ पानी, कृषि मूल्यवर्धन, जैविक रूप से नष्ट होने योग्य कचरे का प्रबन्धन, सौर पम्प/लाइटें, गैर-जीवाश्म विद्युत सृजन, पृथ्वी के प्रचुर संसाधनों से धातु निष्कर्षण आदि।

इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ॰ अनूप कुमार पुजारी, सचिव, खान मंत्रालय ने छोटे और बढ़नेवाले नवीकरणों पर महत्व दिया जिससे परिवर्तन आ सके और लाभ मिल सके। इन समस्याओं पर उपयुक्त रूप से ध्यान देने की जरूरत है ताकि इनका कार्यान्वयन होने पर सकारात्मक प्रतिफल मिले, भले ही यह कम मात्रा में हो।

श्री अंशुमान दास, अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक, नालको ने समारोह की अध्यक्षता की और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का महत्व प्रतिपादित करते हुए अनुसन्धान एवं विकास.पर मनोवृत्ति को बदलने पर बल दिया। उन्होंने एल्यूमिनियम उत्पादकों द्वारा सामना की जा रही चुनौतीपूर्ण बाजार स्थितियों से निपटने के लिए नवीकरणीय विचारधारा के साथ कठिन परिश्रम करने पर भी बल दिया।

अपने भाषण में, श्री एन.आर.महान्ति, निदेशक (परियोजना एवं तकनीकी) ने वर्तमान बाजार का सामना करने के लिए लागत कम करने और कुशलता वृद्धि के लिए अनुसंधान एवं विकास को बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने नालको के कार्यान्वित हो रहे अनुसन्धान एवं विकास केन्द्र के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अनुसन्धान एवं विकास के परिणाम प्राप्त करने के लिए धैर्य की जरूरत है।

आरम्भ में, श्री एस.के॰ दाश, कार्यपालक निदेशक (परियोजना एवं तकनीकी) ने दोनों अतिथियों का परिचय प्रदान किया और अन्त में डॉ. बी के शतपथी, महाप्रबन्धक (अनुसन्धान एवं विकास) ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

नालको कर्मचारियों के साथ, विभिन्न संगठनों के प्रसिद्ध वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ और अभियन्तागण भी समारोह में उपस्थित थे।