भुवनेश्वर, 06/01/2016: श्री के.व्ही. चौदारी, केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त, भारत सरकार ने आज यहाँ “निरोधक सतर्कता : निगम सुशासन की कुञ्जी” विषय पर नालको स्थापना दिवस व्याख्यान-माला के 15वें संस्करण का व्याख्यान दिया।
आरम्भ में, श्री तपन कुमार चान्द, अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक, नालको ने स्वागत भाषण दिया और विषय परिचय दिया। अपने भाषण में श्री चान्द ने दोहराया कि : “एक निगम दर्शन के रूप में, नालको मूल्य-आधारित प्रबन्धन पर ध्यान-केन्द्रित करती आई है, पारदर्शिता, निष्पक्षता, जिम्मेदारी और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए बहुमुखी कदम उठाती रही है, जो निगम अभिशासन के मौलिक सिद्धान्त हैं।”
अपने संभाषण में, श्री चौदारी ने भ्रष्ट अभ्यासों को रोकने के लिए मूल सिद्धान्त के रूप में सतर्कता उपायों के प्रति सचेतनता पर बल दिया। उन्होंने चिन्ता व्यक्त की कि देश में अधिकांश व्यक्तियों को सतर्कता प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी की कमी रहती है, जिसके परिणामस्वरूप भ्रष्टाचार और अनाचार होते हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सतर्कता प्रणाली और प्रक्रियाएँ सुसंगत और सरल होने के साथ साथ इनकी मशीनरी पुष्ट, निरन्तर परीक्षित होनी चाहिए। श्री चौदारी ने एक सुनियोजित और निरन्तर प्रतिपुष्टि प्रणाली पर भी ध्यान केन्द्रित किया। उन्होंने मत प्रकट किया कि सरकारी संस्थाओं के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निगमों को निरोधक सतर्कता के साथ साथ भविष्यसूचक सतर्कता को भी पर्याप्त महत्व देना चाहिए।
इस अवसर पर, नालको के अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक श्री तपन कुमार चान्द द्वारा लिखित एक पुस्तक ‘एल्यूमिनियम : महत्वपूर्ण धातु’, का भी विमोचन किया गया। इस पुस्तक का लक्ष्य एल्यूमिनियम के महत्वपूर्ण उपयोगों को बढ़ावा देना है।
इस अवसर पर पहलीबार प्रो॰ हरेकृष्ण शतपथी, कुलपति, राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, तिरुपति और प्रो॰ गंगाधर पण्डा, कुलपति, श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, पुरी को संस्कृत के शिक्षण प्रचार-प्रसार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए नालको कालीदास पुरस्कार प्रदान किए गए। दोनों पुरस्कारप्राप्तकर्ताओं को प्रत्येक को ₹50,000/- का नकद पुरस्कार, प्रशंसापत्र और मानपत्र प्रदान किए गए।
श्री एस॰सी॰ पाढ़ी, निदेशक(मानव संसाधन) ने धन्यवाद ज्ञापन किया।