भुवनेश्वर, 01.05.2019: नालको एक दशक में अपने उच्चतम लाभ को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है, और जब कंपनी ने 2018-19 के लिए अपने वार्षिक परिणामों की घोषणा की, तो यह उत्पादन और उत्पादकता के मोर्चों पर अपने सभी रिकॉर्ड तोड़ने के लिए सभी प्रस्तुत है। यह केवल हमारे संविदा कर्मियों और प्रबंधन और श्रमिक संघों तथा मजदूर संघों के बीच विश्वास और सहयोग से उन कार्यबलों की दक्षता और समर्पण भाव के कारण संभव हुआ है” नालको के अध्यक्ष-सह-प्रबंध-निदेशक डॉ. तपन कुमार चान्द, ने कल भुवनेश्वर में नालको कर्मचारी फोरम (एनईएफ), मान्यता प्राप्त श्रमिक संघ और नालको कर्मचारी सेंट्रल यूनियन (एनईसीयू) द्वारा अलग-अलग आयोजित मई दिवस समारोहों में जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा– “नालको में हम विश्वास करते हैं कि ऊपर से नीचे तक – हर कोई एक श्रमिक है, जो कंपनी के लिए अच्छा कार्य-निष्पादन करने के सामान्य उद्देश्य के लिए कार्यरत है।
उल्लेखनीय है कि कंपनी ने जो अभूतपूर्व सफलता हासिल की है वह नालको का मददकर्ता ब्रांड है, जिससे धातु बाजार में एक सुदृढ़ वैश्विक ब्रांड के रूप में विकसित होने में मदद मिली है। यह कंपनी के लिए बहुत गर्व की बात है कि इस कंपनी ने पिछले तीन वर्षों से वैश्विक स्तर पर एल्यूमिना के सबसे कम लागत निर्माता के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी है तथा इसे वर्ष 2018 के लिए विश्व में बॉक्साइट के सबसे कम लागत वाले निर्माता के रूप में घोषित किया गया है। इसका श्रेय समग्र नालको समूह को जाता है।
यह भी उल्लेखनीय है कि कंपनी द्वारा हाल ही में किया गया 6ढा दीर्घकालिक वेतन समझौता एक ऐतिहासिक घटना रहा, क्योंकि सौहार्दपूर्ण और भली भाँति समन्वित वातावरण में बातचीत की पूरी प्रक्रिया 100 दिनों के रिकॉर्ड समय में पूरी हुई। यह आशा की जाती है कि भविष्य में कंपनी के उत्पादकता और लाभप्रदता के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए यह एक प्रेरणा-स्रोत के रूप में कार्य करेगा।”
इस अवसर पर कंपनी के निदेशक, वरिष्ठ अधिकारी, नालको इम्पलाइज फोरम और नालको इम्पलाइज सेंट्रल युनियन के अध्यक्ष, महासचिव और पदाधिकारी और सदस्यगण विशेष रूप से उपस्थित थे। डॉ. तपन कुमार चान्द ने संगठन के प्रति अनुकरणीय योगदान करने तथा अत्यन्त सुदक्ष नेतृत्व संभालने के लिए मान्यताप्राप्त श्रमिक संघ के अध्यक्ष श्री मदन मोहन धळ और महासचिव श्री पी.के. दास का अभिनन्दन किया, जिसके कारण ही कंपनी सफलता और गौरव की नई ऊँचाइयों पर पहुँची है। इस अवसर के उपलक्ष्य में प्रकाशित स्मारिका “श्रम सारथी” तथा “श्रमिक वार्ता” का भी डॉ. चान्द ने उन्मोचन किया।