भुवनेश्वर, 07/01/19:
39वें स्थापना दिवस समारोह.के उपलक्ष्य में, ओड़िशा में सांस्कृतिक संगठनों और क्रीड़ा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक पहलकदमियों को आरम्भ करने के साथ नेशनल एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (नालको) ने आज एक ऐतिहासिक कदम उठाया, जिसने सांस्कृतिक और क्रीड़ा परिदृश्य पर दीर्घस्थायी प्रभाव छोड़ा। नालकोनगर, भुवनेश्वर में आयोजित समारोह के दौरान पद्मश्री मनोज दास को आजीवन उपलब्धि पुरस्कार से नवाजा गया, जबकि श्री निरञ्जन रथ, सचिव, लोक सेवक मंडल को नालको विशिष्ट सामाजिक सेवा पुरस्कार प्रदान किया गया।
ओड़िशा की समृद्ध संस्कृति और धरोहर से प्रेरित, नालको ने राज्यभर के कलाकारों को प्रोत्साहित करने और बढ़ाना देने के लिए आठ अग्रणी सांस्कृतिक संगठनों के साथ सांस्कृतिक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। निगम क्षेत्र में यह एक अनुपम पहल और अपने प्रकार की पहली है, जिससे उद्योग–संस्कृति संधारणीय संबंध का वातावरण विकसित होगा। ओड़िशा को एक क्रीड़ा हब के रूप में विकसित करने में मदद देने के लिए, इस कपंनी ने लगभग 100 खेलकूद प्रतिभाओं को गोद लेने की भी घोषणा की।
इस अवसर पर, विभिन्न क्षेत्रों में अपनी महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल करनेवाले और अंशदान करनेवाले व्यक्तियों और संगठनों को भी पुरस्कार प्रदान किए गए। नालको ने पद्मश्री मनोज दास का साहित्यिक क्षेत्र में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए अभिनन्दन किया। साथ ही, इस वर्ष के लिए, संस्कृत साहित्य में उनके प्रचुर अंशदान के लिए डॉ॰ भास्कर मिश्र और डॉ॰ भागीरथी नन्द को नालको कालीदास पुरस्कार, ओड़िशी नृत्य के प्रति अपने अंशदान और अपनी महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों के लिए गुरु श्री विचित्रानन्द स्वाईं, श्री प्रभात कुमार स्वाईं और सुश्री सस्मिता पण्डा को नालको खारवेल पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। धृतिमय बेहेरा को नालको उभरता सितारा पुरस्कार, जबकि अंशिका राउतराय, प्रजेश मुर्मु, मोहित पासवान, टीकाराम सोरेन और अमित कुमार बेहेरा को नालको उभरती खेलकूद प्रतिभा पुरस्कार प्रदान किए गए।. सभी पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को नकद पुरस्कार और प्रशंसापत्र से विभूषित किया गया।
स्कूल में स्वच्छता अभियान को प्रोत्साहित करने के कंपनी के प्रयास के भाग रूप में, अनुगुळ और कोरापुट क्षेत्रों के 10 स्कूलों को नालको ने ‘गुल गुल- कुन मुन’ पुरस्कारों से नवाजा। कन्याओं के सशक्तीकरण के प्रति अपनी वचनबद्धता जारी रखने हुए, भारत सरकार के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम के अधीन “नालको की लाड़लियों” को अपनाया गया।
इस अवसर पर अपने संभाषण में, नालको के अध्यक्ष-सह-प्रबंध-निदेशक डॉ. तपन कुमार चान्द ने सभी पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की उनके अंशदान के लिए प्रसंशा की और कंपनी के सुदृढ़ कार्यनिष्पादन और विकास पर प्रकाश डाला तथा 2019 में अनुगुळ में नई कोयला खान को खोलने तथा तार छड़ मिल परियोजना पर विशेष बल देने पर ध्यान केन्द्रित किए जाने की जानकारी दी। डॉ॰ चान्द ने कंपनी को विश्व में निम्नतम लागत वाला एल्यूमिना उत्पादक तथा द्वितीय निम्नतम लागतवाला बॉक्साइट उत्पादक के दर्जे की उपलब्धि में कंपनी की मदद करने के लिए अपने कर्मचारियों की सराहना की। एक अग्रणी केंद्रीय लोक उद्यम और मातृ-संयंत्र के रूप में, डॉ॰ चान्द ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए एक नगदीरहित मॉडल आरंभ किया जा रहा है, जिससे नालको को निवेश सामग्रियों की आपूर्ति सुनिश्चित होगी और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के तैयार उत्पादों के लिए विपणन में सहायता मिलेगी, जिससे ये छोटे-छोटे उद्योग शुरू से ही आर्थिक रूप से जीवनक्षम हो सकेंगे और मातृ-संयंत्र के आसापास एक औद्योगिक वातावरण बनेगा। उन्होंने आगे कहा कि इससे स्थानीय रोजगारों को बढ़ावा देने में सामर्थ्य हासिल होगा, जहाँ ऐसे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों में 2000 से अधिक व्यक्तियों को नियुक्ति मिल सकेगी।