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भुवनेश्वर, 07/02/2016: “भारतीय उद्योगों में भूमण्डलीय प्रतियोगी बनने की सामर्थ्य है, किन्तु इसके लिए लागत कम करना और उत्तम उत्पादकता लाना आवश्यक है। अब, नए छोटे उद्योगों के माध्यम से उद्यमियों पर अधिक ध्यान केन्द्रित किए जाने के साथ, भूमण्डलीय बाजार में प्रतियोगितात्मक बनने के लिए भारतीय व्यवसाय के लिए एक सुचालक वातावरण बना है”, नालको के अध्यक्ष-सह-प्रबन्ध-निदेशक श्री तपन कुमार चान्द ने भवन्स सेंटर फॉर कम्युनिकेशन एंड मैनेजमेंट के वार्षिकोत्सव के अवसर पर इसके विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा।
नए उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए अनुसन्धान और उष्मायन केन्द्र की स्थापना के लिए बी-स्कूल की पहल के लिए भी श्री चान्द ने सराहना की। उन्होंने एक विशद मूल्य प्रणाली के विकास के महत्व पर बल दिया जो उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए सही प्रकार की प्रवृत्ति, कौशल और अभिज्ञान पाने हेतु विद्यार्थियों को सामर्थ्य प्रदान करे। ऐसे चौतरफा उपलब्धिकर्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए, उन्होंने इस संस्थान के तीन शीर्ष विद्यार्थियों के लिए नकद पुरस्कार संस्थापित करने की घोषणा भी की।
अन्य प्रमुख व्यक्तियों में, मेज़र जनरल बी.के. महापात्र, भवन्स सेंटर फॉर कम्युनिकेशन एंड मैनेजमेंट के अध्यक्ष, डॉ॰ सुजाता मङ्गराज, निदेशक-सह-अधिष्ठाता और लेफ्टिनेंट कर्नल पी.के. साहु, वरिष्ठ निदेशक (प्रशासन एवं वित्त) इस अवसर पर उल्लेखनीय रूप से उपस्थित थे।