सरकारी मनोनीत निदेशक और अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक
1994 बैच (असम मेघालय कैडर) के आईएएस अधिकारी श्री संजय लोहिया अक्टूबर, 2020 में खान मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में शामिल हुए और बाद में मार्च 2021 में अपर सचिव बने। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद वे भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में शामिल हुए। खान मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में शामिल होने से पहले, उन्होंने असम सरकार के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव का पद संभाला था। उन्होंने असम सरकार में विभिन्न पदों पर काम किया। वे पहले ही 2011 से 2016 के दौरान भारत सरकार में निदेशक, प्रधानमंत्री कार्यालय तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव के रूप में अपनी सेवाएँ दे चुके हैं। असम सरकार में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने विभिन्न क्षमताओं में वित्त, कृषि और शहरी विकास जैसे विभिन्न विभागों में कार्यरत रहे तथा उनके पास व्यापक अनुभव है।
श्री लोहिया ने 02.11.2024 से अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक के पद हेतु वर्तमान कार्यभार को ग्रहण किया।
Shri Vivek Kumar Bajpai is an Indian Railway Service Mechanical Engineers Cadre Officer (IRSME) of 1999 Batch. He did B. Tech in Mechanical Engineering from Gorakhpur University and had worked in the Railways in various capacities, including as a chief Project Manager in COFMOW and headed Turnkey Projects pertaining to Automation, Upgradation and Capacity Augmentation needs of various Railway Units.
Shri Bajpai joined Ministry of Textiles on Deputation in April 2022 and worked as Additional Development Commissioner (Handlooms) with the responsibility for Pan India implementation of handloom schemes and monitoring various cluster-based intervention for welfare of handloom workers.
Presently, Shri Bajpai is working as Joint Secretary in the Ministry of Mines, Government of India, which involves administration of PSUs under the Ministry, International Cooperation in the fields of minerals and metals, and supporting exploration activities under National Mineral Exploration Trust (NMET), Media engagements of the Ministry, work related to administering OAMDR Act etc. Shri Bajpai is also a Director on the Board of Hindustan Zinc Limited w.e.f. 24.07.2024 and Managing Director of Bharat Gold Mines Limited w.e.f. 13.09.2024.
12.04.1965 को जन्मे, श्री रमेश चंद्र जोशी ने सन 1989 में आईसीएमएआई से अपना प्रोफेशनल कोर्स पूरा किया। आपने सम्बलपुर विश्वविद्यालय से स्नातक विधि भी पूरा किया है।
आप वित्त और लेखा संबंधी एक बेहतरीन अनुभवी प्रोफेशनल ज्ञान से संपन्न निर्णय लेने की क्षमता, विश्लेषणात्मक विषयों, व्यापारिक तीक्ष्णता, समस्या समाधान में निपुणता, परिणाम उन्मुख और समूह भावना का नेतृत्व कौशल एवं संगठन की उन्नति के लिए प्रतिबद्ध हैं। आपकी शिक्षा में भी विशेष रूचि है। श्री जोशी को वित्त के विभिन्न क्षेत्र के अंतर्गत 32 वर्षों का गहन अनुभव प्राप्त है, जिसमें से 27 वर्ष के अनुभव में नालको के प्रमुख वित्त क्षेत्र, संविदा और विनियामक विषय शामिल हैं। आप नालको और इडकोल(आईडीसीओएल) के संयुक्त उद्यम, मैं. अनुगुळ एल्यूमिनियम पार्क प्रा. लि. के बोर्ड के नामित निदेशक भी हैं।
श्री सदाशिव सामंतराय 22.03.2022 को नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड, एक नवरत्न सीपीएसई के निदेशक (वाणिज्यिक) के रूप में शामिल हुए हैं।
वर्ष 1965 में जन्मे, श्री सामंतराय अपनी सम्पूर्ण शिक्षा के दौरान विद्यालयों तथा महाविद्यालयों में उच्च स्थान धारक रहे। गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पनतनगर, जो अब उत्तराखंड में स्थित है, से स्नातक के सभी चार वर्षों में यूनिवर्सिटी मेरिट सर्टिफिकेट के साथ बी.टेक (मैकेनिकल) की उपाधिक पूर्ण करने के पश्चात, आपने वर्ष 1985 में नालको में स्नातक अभियंता प्रशिक्षु के रूप में कार्यग्रहण किया। आपने विपणन – वित्त में विशेषज्ञता के साथ उत्कल विश्वविद्यालय से एमबीए की उपाधि प्राप्त की। आपने व्यवसाय प्रशासन में स्नात्तकोत्तर डिप्लोमा और विपणन प्रबंधन में स्नात्तकोत्तर डिप्लोमा भी किया है।
अपने निपुण रणनीतिक प्रबंधन, ईमानदारी, कड़ी मेहनत, समर्पण और क्षमता के कारण निदेशक (वाणिज्यिक) के रूप में चुने जाने से पूर्व आप कार्यकारी निदेशक (वाणिज्यिक) के स्तर तक पहुँचे।
श्री सामंतराय को संयंत्रों और वाणिज्यिक क्षेत्रों में 36 वर्षों से अधिक का समृद्ध अनुभव है। संयंत्रों में काम करते हुए आप ग्रहीत विद्युत संयंत्र और प्रद्रावक में इरेक्शन, कमीशनिंग, संचालन और उत्पादन योजना में शामिल रहे। आपकी रणनीतियों और योजना के कारण, नालको उत्पादन और उत्पादकता के उच्चतम स्तर को प्राप्त कर सका। आप नालको को कठिनाई से उभारने के लिए रिकॉर्ड समय में सीपीपी में जले हुए सिंगल लाइन कोल केबल बेल्ट की बहाली, एमआईएस प्रणाली की वैज्ञानिक योजना, डिजाइन और कार्यान्वयन, महत्वपूर्ण उपकरण उपलब्धता, उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रद्रावक, ढुलाई प्रणाली का अनुकूलन आदि संयंत्र के कई रणनीतिक व महत्वपूर्ण निर्णयों और ऐतिहासिक उपलब्धियों में शामिल रहे।
आपके पास विपणन (सभी उत्पादों को शामिल करते हुए निर्यात और घरेलू बाजार), आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन (क्रय, भंडारण व उपभोग नियंत्रण) और ढुलाई में मजबूत बहु-अनुशासनात्मक वाणिज्यिक अनुभव है। अपने लंबे करियर के दौरान आपने कंपनी में कई ऐतिहासिक पहलों जैसे – ग्राहक के साथ पहला समझौता ज्ञापन प्रणाली, एलएमई से जुड़ा हुआ मूल्य निर्धारण व्यवस्था, धातु का एलएमई पंजीकरण, निर्यात के लिए ई-निविदा, पारदर्शिता लाने के लिए वाणिज्यिक नियमावली और दिशानिर्देश तैयार करना, ढुलाई में वृद्धि, कुशल आपूर्ति श्रृंखला और लागत बचत के लिए प्रणाली, रणनीतिक स्थानों पर मुख्य भंडार गृह खोलना, ग्राहकों (नगीना) और विक्रेताओं (नमस्य) के लिए मोबाइल एप्प, ग्राहक और आपूर्तिकर्ता संतुष्टि सूचकांक आदि जैसी पहलों का क्रियान्वयन किया। आप 12 से अधिक नए प्रमुख उत्पाद लाने सहित कई मूल्य वर्धित उत्पाद के विकास और बाजार में उतराने की प्रक्रिया में गहनता से जुड़े रहे। आपके नेतृत्व में नालको के वाणिज्यिक कामकाज को बाजार के अवसरों को समझने और अवसरों को भुनाने हेतु सभी रूप से सक्षम होने के लिए विकसित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप 16-17 से 2018-19 के दौरान रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन हुआ। आपकी लीक से हटकर रणनीतियों के कारण कोविड -19 लॉकडाउन के दौरान भी प्रमुख कच्चे माल की आपूर्ति बिना किसी बाधा के जारी रही, जिससे खरीद लागत में भारी बचत के साथ उत्पादन के शून्य नुकसान के साथ संयंत्र संचालन को बनाए रखा जा सका, परिणामस्वरूप एलएमई कीमतों में गिरावट के दौरान भी कंपनी को 2019-20 और 2020-21 में लाभ अर्जन में मदद मिली।
श्री सामंतराय, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के सदस्य, चार्टर्ड इंजीनियर्स सर्टिफिकेट के साथ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स में फेलो तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैटेरियल्स मैनेजमेंट के नेशनल काउंसिल के सदस्य हैं।
श्री पंकज कुमार शर्मा 01.02.2023 को निदेशक (उत्पादन) के रूप में नेशनल एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (नालको) के निदेशक मंडल में शामिल हुए। आपने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) से वर्ष 1992 में बी.टेक (इलेक्ट्रॉनिक्स) में स्नातक किया और उसी वर्ष एनएमडीसी लिमिटेड में कार्यपालक प्रशिक्षु (इलेक्ट्रॉनिक्स) के रूप में शामिल हुए। आपके पास ओपन कास्ट माइनिंग इंडस्ट्री के सभी पहलुओं में कार्य करने का विविध और समृद्ध अनुभव है। एनएमडीसी लिमिटेड के साथ 30 से अधिक वर्षों के अपने सेवाकाल के दौरान आपने विभिन्न प्रमुख पदों पर चुनौतीपूर्ण कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। नालको में शामिल होने से पूर्व, आप एनएमडीसी लिमिटेड के प्रमुख – वैश्विक अन्वेषण केंद्र, मुख्य कार्यकारी अधिकारी- एनएमडीसी सीएमडीसी लि. (एनएमडीसी लि. की एक संयुक्त उद्यम कंपनी) और बस्तर रेलवे प्राइवेट लिमिटेड (एनएमडीसी लिमिटेड की एक संयुक्त उद्यम कंपनी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। आपने न केवल एनएमडीसी लिमिटेड के परिचालित लौह अयस्क खानों के सतत विकास में अत्यधिक योगदान दिया है, बल्कि सहायक कंपनियों की आगामी परियोजनाओं में मील के पत्थर भी स्थापित किए हैं। आपके तकनीकी ज्ञान और रणनीतिक विशेषज्ञता से नालको को त्वरित विकास हासिल करने में मदद मिलेगी।
श्री जगदीश अरोड़ा 11.10.2023 को नेशनल एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड के निदेशक मंडल में निदेशक (परियोजना एवं तकनीकी) के रूप में शामिल हुए हैं। श्री अरोड़ा एक अनुभवी पेशेवर हैं जिनके पास धातु और खनन उद्योग की विविध व्यावसायिक प्रक्रियाओं का चौंतीस वर्षों से अधिक का ज्ञान है। उन्होंने एनआईटी, वारंगल से यांत्रिक अभियांत्रिकी में बी.टेक और एक्सएलआरआई, जमशेदपुर से पीजीडीबीएम (वित्त और विपणन) किया है। उन्होंने 1989 में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड में प्रबंधन प्रशिक्षु (तकनीकी) के रूप में अपना करियर शुरू किया और इन-हाउस इंजीनियरिंग और तकनीकी परियोजना परामर्श यूनिट, सेंटर फॉर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्रभारी, कार्यकारी निदेशक के पद तक पहुंचे। नालको के निदेशक (परियोजना एवं तकनीकी) के रूप में कार्यभार संभालने से पूर्व आप सेल के 47,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की अभियांत्रिकी परामर्श संभाल रहे थे। आप सेल के आधुनिकीकरण, ब्राउनफील्ड और ग्रीनफील्ड विस्तार परियोजनाओं से निकटता से जुड़े थे।
श्री अरोड़ा के पास परिचानल, तकनीकी प्रबंधन, अभियांत्रिकी, परियोजनाएँ, परामर्श एवं वाणिज्यिक जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम करने का अनुभव है। आपको भारतीय इस्पात उद्योग के लिए स्थिरता, डीकार्बोनाइजेशन, आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल परिवर्तन और 2047 के लिए उद्योग रोडमैप के क्षेत्रों में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए मान्यता दी गई है। आप स्थिरता पर टेडेक्स वक्ता हैं।
श्री अरोड़ा ने कई कंपनीव्यापी प्रणालीगत सुधार परियोजनाओं का समन्वय और कार्यान्वयन किया है, डिजिटल परियोजना प्रबंधन, दस्तावेज़ों का इलैक्टानिकीकरण और ड्राइंग प्रबंधन प्रणाली, स्वीकार्य निर्माण प्रणाली, लागत अनुमान प्रणाली, बिजनेस इंटेलिजेंस मॉडल, मानक बोली दस्तावेज़, भर्ती मैनुअल आदि जैसी कई प्रणालियों और प्रक्रियाओं को आकार दिया है। आपको उद्योग जगत में एक विचारक के तौर पर जाना जाता है और साथ ही रणनीति, नेतृत्व, टीम निर्माण, समस्या समाधान और निर्णय लेने, बातचीत, वित्तीय प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों के आमंत्रित संकाय के रूप में पहचाना जाता है।
18 मई 1970 को जन्मे श्री संजय रमनलाल पटेल गुजरात विश्वविद्यालय से विज्ञान (रसायन) में स्नातक की उपाधि प्राप्त हैं। आप वर्तमान में, कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी), खम्भात के वर्ष 2018 से अध्यक्ष हैं। आप वर्ष 2018 से सरदार पटेल विश्विद्यालय, वी. वी. नगर के सिंडिकेट सदस्य हैं तथा साथ ही, रालेज़ केदावनी मंडल रालेज के अध्यक्ष भी हैं।